ममता बनर्जी कैबिनेट में 2011 के बाद से सबसे बड़ा फेरबदल, 9 नए चेहरों में बाबुल सुप्रियो शामिल
नए मंत्रियों को राज्यपाल ला गणेशन ने राजभवन में एक छोटे से कार्यक्रम में शपथ दिलाई, जिसमें मुख्यमंत्री बनर्जी और अन्य शामिल थे. आदिवासी नेता बीरबाहा हांसदा और बिप्लब रॉय चौधरी ने स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली.
कोलकाता:
पश्चिम बंगाल (West Bengal) में मंगलवार को ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) कैबिनेट में बड़ा फेरबदल किया गया है. तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सत्ता में आने के बाद 2011 के बाद यह सबसे बड़ा फेरबदल है. इस बीच पश्चिम बंगाल में शपथ लेने वाले नए मंत्रियों में पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) को भी शामिल किया गया है. फेरबदल के तहत बाबुल सुप्रियो के अलावा TMC के जिला स्तरीय नेताओं स्नेहाशीष चक्रवर्ती, पार्थ भौमिक, उदयन गुहा और प्रदीप मजूमदार को भी कैबिनेट में जगह मिली है. सभी नए मंत्रियों को राज्यपाल ला गणेशन ने राजभवन में शपथ दिलाई. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री बनर्जी और अन्य लोग भी शामिल थे. नए मंत्रियों में शामिल आदिवासी नेता बीरबाहा हांसदा और बिप्लब रॉय चौधरी ने स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली. ताजमुल हुसैन और सत्यजीत बर्मन ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली.
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द इंडियन एक्सप्रेस के हवाले से सूत्रों के मुताबिक, झारग्राम के विधायक बीरबाहा हांसदा को पार्टी में संथाल समुदाय का चेहरा बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है. पिछले साल लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए टीएमसी के सत्ता में लौटने के बाद कैबिनेट में ये पहला फेरबदल है. एसएससी घोटाले में ईडी द्वारा वरिष्ठ मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी को लेकर पार्टी को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. बनर्जी ने सोमवार को अपनी पार्टी में एक बड़ा बदलाव किया था और घोषणा की थी कि बुधवार को कैबिनेट में फेरबदल होगा. उन्होंने कहा था कि नई कैबिनेट में चार-पांच नए चेहरों को शामिल किया जाएगा, जबकि मौजूदा कैबिनेट के इतने ही सदस्यों को पार्टी के काम में लगाया जाएगा.
वर्ष 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार के बाद सुप्रियो ने घोषणा की थी कि वह राजनीति छोड़ देंगे और लोकसभा सांसद के रूप में भी इस्तीफा दे देंगे. हालांकि, वह पिछले साल सितंबर में बनर्जी की पार्टी में शामिल हुए थे. उन्हें बालीगंज से विधायक के रूप में भी चुना गया था, जो अनुभवी टीएमसी नेता और मंत्री सुब्रत मुखर्जी के निधन के बाद यह सीट खाली हो गया था. पार्टी हलकों में टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के करीबी माने जाने वाले भौमिक और चक्रवर्ती को क्रमशः उत्तर 24 परगना और हुगली जिलों में उनकी संगठनात्मक जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया है.
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