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SC ने सहारा ग्रुप को एंबी वैली में दिया अपनी पसंद की संपत्ति बेचने का अधिकार, नीलामी पर लगाई रोक

कोर्ट ने सहारा समूह को महाराष्ट्र के एंबी वैली प्रोजेक्ट में उसकी पसंद के मुताबिक कोई भी संपत्ति बेचने की इजाजत दी है।

Updated on: 19 Apr 2018, 05:28 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट से सहारा समूह को राहत मिली है। कोर्ट ने सहारा समूह को महाराष्ट्र के एंबी वैली प्रोजेक्ट में उसकी पसंद के मुताबिक कोई भी संपत्ति बेचने की इजाजत दी है।

कोर्ट ने कहा कि अगर समूह एंबी वैली की संपत्ति को बेचने में कामयाब नहीं होता है, तब बॉम्बे हाई कोर्ट की तरफ से नियुक्त किए गए अधिकारी प्रस्तावित नीलामी को आगे बढ़ाएंगे।

कोर्ट ने कहा कि सहारा को 15 मई के पहले संपत्ति बेचने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी और उससे मिली रकम को सेबी-सहारा के संयुक्त रिफंड खाते में जमा करना होगा।

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गौरतलब है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के एंबी वैली को नीलाम किए जाने के फैसले पर मुहर लगा दी थी।

कोर्ट ने सहारा की एंबी वैली की देखरेख के लिए आधिकारिक रिसीवर को भी नियुक्त किया है, जो नीलामी पूरी होने तक इस संपत्ति की देख-रेख करेगा।

बार-बार चेतावनी दिए जाने के बावजूद भी सहारा समूह की तरफ से निवेशकों का पैसा नहीं लौटाए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सहारा के एंबी वैली को नीलाम करने का आदेश दिया था।

कोर्ट ने कहा था कि बॉम्बे हाई कोर्ट की निगरानी में एंबी वैली की नीलामी होगी। सहारा ग्रुप के इस प्रॉपर्टी की कीमत 39,000 करोड़ रुपये है। इस बीच सहारा ने सुप्रीम कोर्ट में नीलामी को रोके जाने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था।

सहारा समूह को निवेशकों के 5,000 करोड़ रुपये चुकाने थे। इसमें विफल रहनेके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह की 39,000 करोड़ रुपये की एंबी वैली को नीलाम करने के आदेश दे दिए थे। कोर्ट ने लोनावाला में सहारा की प्रॉप्रटी एंबी वैली को जब्त किए जाने का आदेश दिया था।

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