logo-image

Delhi: COVID-19 के खतरे के बीच प्रवासी मजदूरों के पलायन के पीछे गहरी राजनीतिक साजिश

अब पुलिस को यह पता लगाना और साबित करना है कि आखिर ऊपर से आदेश किसने दिए. सीधे तौर पर इशारा दिल्ली के परिवहन विभाग की तरफ जा रहा है.

Updated on: 01 Apr 2020, 10:21 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे पर बिहार और यूपी के लाखों प्रवासी मजदूरों का सैलाब सिर्फ लॉकडाउन के डर से नहीं उमड़ा था, बल्कि इसके पीछे गहरी राजनीतिक साजिश सामने आ रही है. इस सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने शकरपुर थाने में डीटीसी और क्लस्टर बसों के 44 चालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. यह 44 बसें लॉक डाउन के आदेश के बावजूद बिना टिकट यूपी बिहार के लोगों को बैठाकर आनंद विहार बस अड्डे की तरफ जाने वाले रास्ते पर छोड़ रही थीं. जब इनसे सवाल किया गया कि ऐसा किसके आदेश से किया जा रहा है, तो बस चालकों ने कहा कि, उन्हें ऊपर से आदेश हैं. 

                                                      

अब पुलिस को यह पता लगाना और साबित करना है कि आखिर ऊपर से आदेश किसने दिए. सीधे तौर पर इशारा दिल्ली के परिवहन विभाग की तरफ जा रहा है. इस सिलसिले में जांच अधिकारी जल्द ही आरोपियों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी करेंगे. एफ आई आर के नामजद कॉलम को खाली रखा गया है, चालकों से पूछताछ के बाद चार्जशीट में दिल्ली की परिवहन व्यवस्था से जुड़े बड़ा नाम आरोपी बन सकते हैं.

यह भी पढ़ें-गाजियाबाद से तबलीगी जमात में शामिल हुए थे 135 से ज्यादा लोग, अभी भी कई लोगों की तलाश जारी

दिल्ली के शकरपुर पुलिस स्टेशन पर मामला दर्ज
एफ आई आर के अनुसार , बीते 29 मार्च यानी रविवार की शाम आईटीओ पुल पर पिकेट ड्यूटी पर एक पुलिसकर्मी की शिकायत के आधार पर पूर्वी दिल्ली के शकरपुर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था. दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमने आईपीसी की विभिन्न धाराओं और आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत मामला दर्ज किया है. शिकायतकर्ता ने कहा कि वह रविवार को सुबह 6 बजे से आईटीओ पुल के पास पिकेट ड्यूटी पर था, जब सुबह 7 बजे डीटीसी और क्लस्टर बसों को प्रवासी श्रमिकों को ले जाया गया और रोका गया.

यह भी पढ़ें-Lock Down: तबलीगी जमात में भाग लेने वाले 300 संदिग्धों की केरल में पहचान 

डीटीसी की 44 बसें बिना टिकट मजदूरों को आनंद विहार बस अड्डे पर छोड़ रहीं थीं
जब बसों के यात्रियों से पूछताछ की गई तो उन्होंने कहा कि वे यूपी और बिहार में अपने मूल स्थानों पर जा रहे हैं और आनंद विहार इंटर स्टेट बस टर्मिनल से आगे की यात्रा के लिए बसों में सवार होंगे. इस मामले में दर्ज की गई एफआईआर से जाहिर है की आनंद विहार पर उमड़े सैलाब के पीछे एक बड़ी साजिश थी, जिसमें दिल्ली सरकार सवालों के घेरे में आ रही है, पुलिस का कहना है कि जो 44 बसें बिना टिकट यूपी बिहार के प्रवासी मजदूरों को ले जा रही थीं, उन बस चालकों का कहना था कि उन्हें ऊपर से ऑर्डर मिले हैं. यह ऊपर से आर्डर किसने दिए, वह भी ऐसे समय में जब कोरोनावायरस की वजह से लॉक डाउन था. जाहिर होता है कि दिल्ली की कानून व्यवस्था बिगड़ने, लोगों में डर पैदा करने, माहौल खराब करने के पीछे साजिश रची गई थी.