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DMRC को सुप्रीम कोर्ट से झटका, अनिल अंबानी के लिए आई बड़ी खुशखबरी

सुप्रीम कोर्ट ने अनिल अंबानी (Anil Ambani) के रिलायंस इंफ्रा (Reliance Infrastructure) के पक्ष में साल 2017 में आया आर्बिट्रेशन अवार्ड के खिलाफ DMRC की अर्जी को खारिज कर दिया.

Updated on: 09 Sep 2021, 12:32 PM

highlights

  • रिलायंस इंफ्रा के पक्ष में साल 2017 में आया आर्बिट्रेशन अवार्ड के खिलाफ DMRC की अर्जी को खारिज कर दिया
  • रिलायंस इंफ्रा के एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो से हटने के बाद उसके पक्ष में 2,800 करोड़ का अवार्ड दिया गया था

नई दिल्ली :

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अनिल अंबानी (Anil Ambani) के रिलायंस इंफ्रा (Reliance Infrastructure) के पक्ष में साल 2017 में आया आर्बिट्रेशन अवार्ड के खिलाफ DMRC की अर्जी को खारिज कर दिया. रिलायंस इंफ्रा के एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो से हटने के बाद उसके पक्ष में 2,800 करोड़ का अवार्ड दिया गया था. कोर्ट के आज के आदेश के बाद DMRC को ब्याज के साथ-साथ 2,800 करोड़ चुकाने होंगे. ब्याज समेत ये रकम 4,000 करोड़ से भी अधिक बनती है.

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बता दें कि इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को राहत देते हुए आर्बिट्रेशन ट्रिब्‍यूनल के आदेश को रद्द कर दिया था. बता दें कि DMRC के ऊपर रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की सहायक कंपनी दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (डीएएमपीईएल) को 2782.33 करोड़ रुपये की देनदारी तय की गई थी. वहीं दिल्ली मेट्रो को यह राशि एयरपोर्ट एक्सप्रेस लिमिटेड को कॉन्ट्रैक्ट टर्मिनेशन कॉस्ट के तौर पर देनी थी. बता दें कि रिलायंस इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर और DMRC के बीच बिल्‍ड-ऑपरेट-ट्रांसफर के आधार पर दिल्‍ली एयरपोर्ट एक्‍सप्रेस के लिए 2008 में हुए एक समझौते से जुड़ा यह मामला है. 2012 में  रिलायंस  इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर ने इस समझौते को रद्द कर दिया था.

बता दें कि 2017 में आर्बिट्रल ट्रिब्‍यूनल ने रिलायंस इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को हर्जाना पाने का हकदार माना था. वहीं DMRC को 2,800 करोड़ रुपये ब्‍याज समेत भुगतान करने का निर्देश भी दिया था. 2018 में, दिल्‍ली हाईकोर्ट की सिंगल जज की बेंच ने ट्रिब्‍यूनल के आदेश को बरकरार रखा था. साथ ही DMRC को इसका भुगतान करने का निर्देश भी दिया था. हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने 2019 में DMRC को राहत देते हुए ट्रिब्‍यूनल के आदेश पर रोक लगा दिया था. इसके बाद रिलायंस इंफ्रा इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी और उसने दिल्‍ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी.