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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर भूटान में हैं. उनका वहां भव्य स्वागत किया गया. भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने कहा कि हमलोग काफी खुश हैं कि पीएम मोदी दो दिवसीय दौरे पर भूटान आए. यह बहुत ही सफल दौरा रहा. इस सफल दौरे से हमलोग बहुत खुश हैं. हमलोगों ने उन्हें वो दे सके जो वे चाहते थे. हमने वो प्राप्त किया जो वो चाहते थे. मुख्य रूप से दिल से दिल के संबंध में.
PM of Bhutan (Dr.) Lotay Tshering in Paro, Bhutan: We did not have any dialogue on Doklam this time because we don't have issues on Doklam this time. Everything is normalised. We always believed that the 3 countries involved in Doklam will come to a logical conclusion. https://t.co/TgHy8GwwAX
— ANI (@ANI) August 18, 2019
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उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के साथ डोकलाम मुद्दे पर मेरी कोई बातचीत नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि इस समय डोकलाम पर कोई दिक्कत नहीं है. अभी कोई मुद्दा नहीं है. सबकुछ ठीक है. उन्होंने कहा कि मुझे शुरू से विश्वास से है कि डोकलाम को लेकर तीनों देश सामने आएं और एक तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचे. जिससे किसी को कोई परेशानी न हो. बता दें कि डोकलाम को लेकर शुरू से विवाद रहा है. यह काफी गरम मुद्दा रहा है.
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एक तरफ तो मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में कूटनीति को लेकर आक्रामक है, वहीं चीन ने उसे फिर आंखे दिखाने का काम किया है. अगर मीडिया रिपोटर्स की मानें तो डोकलाम गतिरोध के लगभग दो साल बाद चीन ने फिर एक बार भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की है. जानकारी के मुताबिक इस बार पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने लद्दाख में भारतीय सीमा के 6 किलोमीटर अंदर तक प्रवेश कर चीनी झंडा लहराया. गौरतलब है कि इन दिनों लद्दाख के स्थानीय निवासी धर्मगुरु दलाई लामा का जन्मदिन मना रहे थे.
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एक रिपोर्ट के मुताबिक लद्दाख में पूर्वी डेमचोक की सरपंच उरगेन चोदोन ने चीनी सेना के घुसपैठ की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि चीनी सैनिक सैन्य वाहनों में भारतीय सीमा में आए और वहां चीनी झंडा लहराया. सरपंच ने बताया कि चीन के सैनिक ऐसे समय पर इस इलाके में आए, जब स्थानीय लोग दलाई लामा का जन्मदिन मना रहे थे. उरगेन ने बताया कि चीन के सैनिकों का डेमचोक में आना चिंता की बात है. चीन इस तरह की गतिविधि को अंजाम देकर भारत पर दबाव बढ़ाना चाहता था ताकि अगर कभी बातचीत हो तो उस समय इस क्षेत्र पर अपना दावा किया जा सके.