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भूपिंदर सिंह मान ने सुप्रीम कोर्ट की कमेटी से खुद को किया अलग, कर चुके हैं कृषि कानून का समर्थन 

किसान आंदोलन (Farmer Protest) को लेकर बनाई गई सुप्रीम कोर्ट की चार सदस्यीय कमेटी से भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान (Bhupinder Singh Mann) ने खुद को अलग कर लिया है.

Updated on: 14 Jan 2021, 03:16 PM

नई दिल्ली:

किसान आंदोलन (Farmer Protest) को लेकर बनाई गई सुप्रीम कोर्ट की चार सदस्यीय कमेटी से भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान (Bhupinder Singh Mann) ने खुद को अलग कर लिया है. कमेटी बनने के बाद से ही इनके नाम को लेकर बवाल हो रहा था. इससे पहले यह तीनों कानूनों का समर्थन कर चुके हैं. 

कौन हैं भूपिंदर सिंह मान 
किसान संगठन और सरकार के बीच जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्यीय कमेठी का गठन किया है. इस कमेटी में ऑल इंडिया किसान कॉर्डिनेशन कमेटी के प्रमुख और पूर्व राज्यसभा सांसद भूपिंदर सिंह मान को भी शामिल किया गया था.  उनके संगठन में कई किसान संगठन आते हैं. किसानों के बीच उनकी अच्छा प्रभाव बताया जाता है. 

कृषि कानून की तारीफ पर हुआ था जबाव 
दरअसल भूपिंदर सिंह मान ने दिसंबर महीने में ही कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर नए कानूनों का समर्थन कर दिया था. हालांकि उन्होंने कुछ संशोधन भी दिए थे जिन्हें सरकार ने मानने पर हामी भर दी थी. इनमें एमएसपी पर लिखित गारंटी देने को कहा गया था. भूपिंदर सिंह मान का आंदोलनरत किसान विरोध कर रहे हैं.

कमेटी में कौन-कौन शामिल

1. भूपिंदर सिंह मान- पूर्व राज्यसभा सांसद भूपिंदर सिंह मान, भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष हैं. इसके साथ ही वह ऑल इंडिया किसान कॉर्डिनेशन कमेटी के प्रमुख भी हैं. 

2. प्रमोद जोशी-नेशनल एकेडमी ऑफ एग्रिकल्चर रिसर्च मैनेजमेंट के डायरेक्टर रह चुके प्रमोद कुमार जोशी को आर्थिक-कृषि मामलों का जानकार माना जाता है.

3. अनिल घनवंत- महाराष्ट्र के बहुचर्चित शेतकारी संगठन के प्रमुख अनिल घनवंत की किसानों पर पकड़ मानी जाती है. इस संगठन की शुरुआत किसान नेता शरद जोशी ने की थी, जिनकी मांग थी कि किसानों को खुले बाजार में आने का अवसर मिले.

4. अशोक गुलाटी- कृषि विशेषज्ञ अशोक गुलाटी ICRIER में तीन साल प्रोफेसर रह चुके हैं. भारत सरकार को MSP के मुद्दे पर सलाह देने वाली कमेटी के सदस्य भी रह चुके हैं, 2015 में उन्हें पद्म श्री सम्मान दिया गया.