मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव में नामांकन भरने की प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही जीत के लिए अभी से दावेदार नायाब तरीके अपना रहे हैं, कोई तरह-तरह के वादे कर रहा है तो कोई विकास के लिए राशि देने बोली तक लगाने में पीछे नहीं है।
पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू होते ही ग्रामीण इलाकों में रौनक बढ़ चली है। चुनाव भले ही गैर दलीय आधार पर हो रहे हों, परंतु सियासी दलों से नाता रखने वालों की सक्रियता लगातार बढ़ रही है। गांव की चौपाल से लेकर गलियों तक में चुनावी चर्चा का जोर है।
राज्य के अशोक नगर में तो सरपंच के निर्वाचन के लिए बोली तक लगा दी गई। मामला यहां की भटौली पंचायत का है, जहां लोग अपने क्षेत्र के विकास के लिए लालायित हैं और चुनाव में किसी तरह का विवाद नहीं चाहते। लिहाजा यहां एक बैठक कर चुनाव के दावेदारों को बुलाया और उनकी राय जानी। साथ ही विकास के लिए क्या करेंगे, इसके लिए बोली भी लगाई गई।
बताया गया है कि गांव के लोग निर्विरोध चुनाव के पक्ष में हैं, गांव के विकास का दावा करते हुए चार लोगों ने बोली लगाई और बताया कि गांव के लोग उन्हें सरपंच चुनते हैं, तो अपनी तरफ से मंदिर के जीर्णोद्धार व विकास पर धनराशि खर्च करेंगे। सबसे पहली बोली 21 लाख की लगाई गई, जो 44 लाख तक पहुंची। सबसे बड़ी बोली सौभाग सिंह ने लगाई। इसके बाद उन्हें गांव वालों ने निर्विरोध सरपंच चुनने का ऐलान किया।
सरपंच का चुनाव बोली लगाकर किए जाने को प्रशासन ने चुनाव अधिनियम के खिलाफ बताते हुए इस मामले की जांच का ऐलान किया है। साथ ही कार्रवाई की भी बात कही है।
राज्य में पंचायत चुनाव के दौरान तरह तरह के चुनावी रंग देखने को मिलने की संभावना है, क्योंकि अभी तो नामांकन भरने का सिलसिला ही शुरू हुआ है और यह तीन चरणों में चलना है।
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Source : IANS