मध्यप्रदेश में विधानसभा और लोकसभा के हो रहे उप-चुनाव का प्रचार थमने के बाद अब चुनाव की पूरी तरह कमान स्थानीय नेताओं के हाथ में आ गई, क्योंकि चुनाव क्षेत्र के बाहर के नेता संबंधित क्षेत्र में मतदान तक रह भी नहीं सकते।
राज्य के तीन विधानसभा क्षेत्र रैगांव, जोबट और पृथ्वीपुर के अलावा खंडवा लोकसभा क्षेत्र में उपचुनाव हो रहा है, जहां प्रचार का दौर बुधवार की शाम को ही थम चुका है और मतदान 30 अक्टूबर को होना है। चुनाव प्रचार का दौर थमने से पहले ही चुनाव क्षेत्र से बाहर के लोगों को इस स्थान छोड़ना होता है, लिहाजा तमाम बड़े नेता अपने-अपने स्थान को जा चुके हैं। अब सभी क्षेत्रों में स्थानीय नेताओं का बोलबाला है।
लगभग एक माह तक तमाम बड़े नेताओं की आवाजाही रही और तीनों विधानसभा क्षेत्रों के साथ लोकसभा क्षेत्र में जन सभाओं का दौर चला, साथ ही रैलियां निकलीं और नेताओं ने मतदाताओं से तरह-तरह के वादे किए।
अब सभी क्षेत्रों में चुनाव की पूरी कमाई स्थानीय नेताओं के हाथ में आ गई है।
दोनों ही प्रमुख दलों की कोशिश है कि वह अपने स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के जरिए चुनाव में फतेह हासिल करें। दोनों दलों के संगठनों ने भी अपने स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं पर भरोसा जताना शुरू कर दिया है। प्रचार थमने की अवधि से पहले तक बड़े नेताओं के हाथ में प्रचार की कमान थी तो अब कमान पूरी तरह स्थानीय नेताओं के हाथ में आ चुकी है।
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Source : IANS