महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव हिंसा के बाद राज्य में बनी तनाव की स्थिति पर शिवसेना ने फडणवीस सरकार पर निशाना साधा है।
केंद्र और महाराष्ट्र सरकार में सहयोगी शिवसेना ने कहा कि फडणवीस के नेतृत्व में महाराष्ट्र समृद्धि नहीं बल्कि जातीय अराजकता और विनाश के गड्ढे में जाता दिख रहा है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखे गये लेख में कहा, 'राज्य में कई जगह पर आक्रोश की चिंगारी भड़क उठी है, उसमें महाराष्ट्र भष्म हो ऐसी हलचलें भी जारी है।'
शिवसेना ने कहा कि मुख्यमंत्री ने संयम रखा जिसके चलते करोड़ों का नुकसान हुआ। उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता वाली पार्टी ने कहा, ''जहां संयम दिखाना चाहिए था वहां शौर्य दिखाना और शौर्य की तुतारी जहां फूंकनी है वहां संयम दिखाना'' इसे राज करना नहीं कहते।
शिवसेना ने अपने लेख में कहा, 'महाराष्ट्र का गृह विभाग मजबूत नहीं रहा, वहां राजनीतिक नफा नुकसान के गणित का पीरियड शुरू हो चुका है।' आपको बता दें कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गृह मंत्रालय अपने पास रखा।
लेख में आगे लिखा है गृह विभाग राज्य व देश का मेरुदंड होता है, वही कमजोर हो गया तो राज्य टूट जाएगा। छिछली राजनीति में उबाल आया है, सावधान!
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आपको बता दें कि महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव में दलित और कुछ दक्षिण पंथियों के बीच हुई हिंसा में एक युवक की मौत हो गई थी। उसके बाद दलित संगठनों ने हिंसा के विरोध में महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया। राज्य भर में बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की गई और बंद के दौरान एक युवक की मौत हो गई।
पूरे आंदोलन में दलित नेता और गुजरात के वडगाम से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के पोते और प्रसिद्ध वकील प्रकाश अंबेडकर ने सक्रिय भूमिका निभाई।
एक जनवरी की हुई मौत के मामले में फडणवीस सरकार ने सीआईडी जांच के आदेश दिये हैं। जबकि सरकार हिंसा की न्यायिक जांच कराएगी। बंद के मामले में पुलिस ने अब तक 16 एफआईआर दर्ज किये हैं और 300 लोगों को हिरासत में लिया है।
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Source : News Nation Bureau