भीमा-कोरेगांव हिंसा: RSS ने कहा- कुछ ताकतें समाज में नफरत फैलाने की कोशिश कर रही है
आरएसएस (संघ) के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य ने बयान जारी कर कहा कि कोरेगांव, पुणे समेत महाराष्ट्र के कई इलाकों में हुई हिंसक घटनाएं दुखद और दर्दनाक हैं।
highlights
- कोरेगांव-भीमा में हुई हिंसा पर आरएसएस ने कहा- कुछ ताकतें दो समुदायों के बीच घृणा की भावना पैदा कर रही है
- संघ ने कहा- जो लोग भी दोषी पाए जाते हैं उन्हें कानून के मुताबिक दंडित किया जाए
- राहुल गांधी और मायावती ने कोरेगांव-भीमा में हुई हिंसा के लिए आरएसएस को ठहराया था जिम्मेदार
नई दिल्ली:
महाराष्ट्र के पुणे जिले के कोरेगांव-भीमा में हुई हिंसा को लेकर जहां कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) समेत अन्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)-राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को जिम्मेदार ठहरा रही है।
वहीं आरएसएस ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि कुछ ताकतें दो समुदायों के बीच घृणा की भावना पैदा कर रही है।
आरएसएस (संघ) के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य ने बयान जारी कर कहा कि कोरेगांव, पुणे समेत महाराष्ट्र के कई इलाकों में हुई हिंसक घटनाएं दुखद और दर्दनाक हैं। उन्होंने कहा कि आरएसएस इन हिंसक घटनाओं की कड़ी निंदा करता है।
उन्होंने कहा, 'जो लोग भी दोषी पाए जाते हैं उन्हें कानून के मुताबिक दंडित किया जाए। कुछ तत्व समुदायों के बीच नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। लोगों को ऐसे तत्वों के बहकावे में नहीं आना चाहिए।'
वैद्य ने कहा, 'आरएसएस जनता से अपील करता है कि वे समाज में एकता और सद्भाव बनाए रखें, जो संघ की सर्वोच्च प्राथमिकता में रहा है।'
राहुल-मायावती ने आरएसएस को ठहराया था जिम्मेदार
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि 'इनका फासीवादी दृष्टिकोण है कि दलित हमेशा भारतीय समाज के निचले स्तर पर ही बने रहें।' उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव की घटना प्रतिरोध का सूचक है।
राहुल गांधी ने ट्विटर पर कहा, 'भारत के लिए आरएसएस-बीजेपी के फासीवादी दृष्टिकोण का केंद्रीय स्तंभ यह है कि दलित को भारतीय समाज के निचले स्तर पर बने रहना चाहिए। उना, रोहित वेमुला और अब भीमा-कोरेगांव प्रतिरोध के प्रबल चिह्न हैं।'
वहीं बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) अध्यक्ष मायावती ने भी हिंसा के लिए संघ परिवार को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा, 'ये जो घटना घटी है ये रोकी जा सकती थी। सरकार को वहां सुरक्षा का उचित प्रबंध करना चाहिये था। वहां बीजेपी की सरकार है और उन्होंने वहां हिंसा कराई। लगता है इसके पीछे बीजेपी, आरएसएस और जातिवादी ताकतों का हाथ है।'
आपको बता दें कि पुणे के कोरगांव-भीमा गांव में एक जनवरी को दलितों द्वारा पेशवा बाजीराव द्वितीय और ईस्ट इंडिया कंपनी की दलित बहुल एक छोटी फौज के बीच हुए आंग्ल-मराठा युद्ध की 200वीं वर्षगांठ पर समारोह का आयोजन किया गया था।
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सनसवाडी गांव में अंग्रेजों द्वारा निर्मित विजय स्तंभ के चारों ओर कई हजार दलित एकत्र हुए थे, जहां कथित तौर पर 'भगवा झंडाधारी कुछ दक्षिणपंथी समूहों' के लोगों ने अचानक पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसी दौरान नांदेड़ निवासी राहुल फतंगले (28) की मौत हो गई।
दोनों पक्षों के बीच टकराव के दौरान बस, पुलिस वैन और निजी वाहन समेत 30 वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।
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(इनपुट IANS से भी)
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