Advertisment

भीमा कोरेगांव मामला : अभी घर में नजरबंद रहेंगे पांचों आरोपी, गुरुवार को फिर होगी सुनवाई

भीमा कोरेगांव मामले में पांचों आरोपी एक्टिविस्ट की हाउस अरेस्ट जारी रहेगी .सुप्रीम कोर्ट में आज याचिकाकर्ताओं के वकीलों की बहस पूरी हो गई और महाराष्ट्र सरकार की बहस जारी है. आगे की सुनवाई गुरुवार यानी कल होगी.

author-image
nitu pandey
एडिट
New Update
भीमा कोरेगांव मामला : अभी घर में नजरबंद रहेंगे पांचों आरोपी, गुरुवार को फिर होगी सुनवाई

भीमा कोरेगांव हिंसा में नजरबंद किए गए वामपंथी कार्यकर्ता

Advertisment

भीमा कोरेगांव (bhima koregaon) मामले में पांचों आरोपी एक्टिविस्ट की हाउस अरेस्ट जारी रहेगी .सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में आज याचिकाकर्ताओं के वकीलों की बहस पूरी हो गई और महाराष्ट्र सरकार की बहस जारी है. आगे की सुनवाई गुरुवार यानी कल होगी. आज सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कुछ अहम टिप्पणी की. चंद्रचूड़ ने कहा, 'हमें से असहमति रखने वालों और गड़बड़ी फैलाने/सरकार का तख्ता पलट करने वालों के बीच के अंतर को साफ़ तौर पर समझना होगा. सरकार की ओर से पेश रिपोर्ट में यूनिवर्सिटीज और सामाजिक संस्थाओं के नाम शामिल हैं, क्या ये सभी शामिल है?'

उन्होंने आगे कहा, 'हमारे संस्थानों यहां तक कि कोर्ट को भी इतना मजबूत होना चाहिए कि वो विरोध को सहन कर सके. केवल अनुमान के आधार पर स्वतंत्रता का गला नहीं घोंटा जा सकता है. हम इस मामले पर पैनी नजर रखेंगे.'

वहीं, महाराष्ट्र सरकार की ओर से ASG तुषार मेहता ने कहा कि सभी आरोपियों के खिलाफ मामले में पुख्ता सबूत हैं. एफआईआर में छह लोगों के नाम हैं लेकिन किसी की भी तुरंत गिरफ्तारी नहीं की गई थी, शुरुआती जांच में सबूत सामने आने पर 6 जून को एक गिरफ़्तारी हुई. जिसे कोर्ट में पेश करके रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई.'

इसे भी पढ़ें : भीमा कोरेगांव हिंसा: पुणे पुलिस को राहत, 90 दिन में गिरफ्तार 5 कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ फाइल करनी होगी चार्जशीट

उन्होंने ने कहा कि कोर्ट से सर्च वांरट लिया गया था. जांच की निगरानी डीसीपी व सीनियर अधिकारी ने की थी. जब्त किए गए कंप्यूटर लैपटाप व पेनड्राइव को फॉरेंसिक जांच के लिए लैब भेजा गया. पूरी सर्च की वीडियोग्राफ़ी करवाई गई। आरोपी सीपीआई माओवादी संगठन से जुड़े है और ये प्रतिबंधित संगठन.

इसके आगे मेहता ने कहा कि कोर्ट सिर्फ आरोपियों की दलील सुनकर अपने विचार न बनाए. सरकार की भी पूरी बात सुननी चाहिए.

वहीं, दूसरी ओर से याचिकाकर्ता की ओर से पेश अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पांचों आरोपियों के खिलाफ झूठे सबूत इकट्ठे किए गए हैं. महाराष्ट्र पुलिस ने एन साईबाबा के केस में बताया था कि साईबाबा ही कॉमरेड प्रकाश है. साईबाबा तो 2017 से जेल में है ऐसे में ये आरोप लगाना कि प्रधानमंत्री की हत्या के षड्यंत्र की साजिश उन्होंने रचा, ये कैसे सम्भव है.

सिंघवी ने कहा, 'हम ये नहीं कह रहे कि हम कानून से ऊपर है. हम अदालत की निगरानी में तटस्थ जांच की मांग कर रहे है, भारत जैसे देश में सरकार से विचारधारा रखना, अपराध नहीं हो सकता.

इधर, मामले के शिकायती के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि कानून व्यवस्था को तोड़ना व अशांति फैलाना सरकार के विचारों के साथ असहमति नहीं बल्कि सोची समझी साज़िश है.

वहीं, महाराष्ट्र सरकार की तरफ से ASG तुषार मेहता ने कहा कि ज़ब्त दस्तावेजों में हमे रोना विल्सन की तस्वीर मिली, उसमें रोना के साथ दिख रहा शख्स छत्तीसगढ़ में 40 लाख और महाराष्ट्र में 50 लाख के इनाम वाला आरोपी है.

पूरी दलील सुनने के बाद जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि इस मामले को हम समग्र रूप से देखेंगे. कल फिर से इस पूरे मामले पर सुनवाई होगी.

और पढ़ें : भीमा कोरेगांव हिंसा: महाराष्ट्र पुलिस का दावा, पीएम नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश के लिए जुटाए जा रहे थे पैसे

Source : News Nation Bureau

HOUSE ARREST Supreme Court Bhima koregaon five accused activist
Advertisment
Advertisment
Advertisment