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दिल्‍ली छोड़ने की डेडलाइन से पहले भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर जामा मस्‍जिद पहुंचे, पढ़ी संविधान की प्रस्‍तावना

दिल्‍ली छोड़ने की कोर्ट की डेडलाइन से पहले भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर (Chandrashekhar) शुक्रवार को जामा मस्‍जिद पहुंचे. वहां उन्‍होंने संविधान की प्रस्‍तावना पढ़ी.

Updated on: 17 Jan 2020, 02:30 PM

नई दिल्‍ली:

दिल्‍ली छोड़ने की कोर्ट की डेडलाइन से पहले भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर (Chandrashekhar) शुक्रवार को जामा मस्‍जिद पहुंचे. वहां उन्‍होंने संविधान की प्रस्‍तावना पढ़ी. उनके वहां पहुंचने पर लोगों ने CAA और प्रस्‍तावित एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान चंद्रशेखर ने कहा, शांतिपूर्ण विरोध हमारी ताकत है. सभी धर्मों के लोग जो हमारा समर्थन करते हैं, उन्हें बड़ी संख्या में हमारे साथ मिलकर यह साबित करना चाहिए कि ये विरोध अकेले मुसलमानों के नेतृत्व में नहीं है.

इससे पहले 15 जनवरी को दिल्ली की एक अदालत ने भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर को जमानत दे दी थी. पिछले साल 21 दिसंबर को दिल्ली पुलिस ने चंद्रशेखर को दरियागंज में हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया था. चंद्रशेखर शुक्रवार सुबह पहले मंदिर गए. इसके अलावा वह बंगला साहिब गुरुद्वारा और चर्च भी जाएंगे.

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आज रात 9 बजे से पहले उन्‍हें दिल्‍ली छोड़ने का आदेश दिया गया है. इससे पहले वह पत्रकारों से बात भी कर सकते हैं. एक दिन पहले चंद्रशेखर को तिहाड़ जेल से रिहा किया गया था. आजाद के संगठन ने पुलिस की अनुमति के बगैर 20 दिसंबर को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च का आयोजन किया था. भीम आर्मी प्रमुख को 21 दिसंबर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.

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चंद्रशेखर को दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को सशर्त जमानत दी थी. कोर्ट ने कहा था कि चंद्रशेखर चार हफ्तों तक दिल्ली नहीं आ सकेंगे और चुनावों तक कोई धरना नहीं कर सकेंगे. अदालत ने यह भी कहा था कि सहारनपुर जाने से पहले आजाद जामा मस्जिद समेत दिल्ली में कही भी जाना चाहते हैं, तो पुलिस उन्हें एस्कॉर्ट करेगी. न्यायाधीश ने कहा था कि विशेष परिस्थितियों में विशेष शर्तों की जरूरत होती है.