यूपी की 56 हजार ग्राम पंचायतों में ग्राम किसान चौपाल लगाएगा किसान मोर्चा

यूपी की 56 हजार ग्राम पंचायतों में ग्राम किसान चौपाल लगाएगा किसान मोर्चा

यूपी की 56 हजार ग्राम पंचायतों में ग्राम किसान चौपाल लगाएगा किसान मोर्चा

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IANS
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Bhartiya Kian

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

कृषि कानून के विरोध में चल रहे आंदोलन की काट के लिए भाजपा उत्तर प्रदेश की 56 हजार ग्राम पंचायतों में किसान चौपाल लगाने जा रही है।

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भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह के नेतृत्व में और भाजपा किसाना मोर्चा के प्रदेश महामंत्री घनश्याम पटेल के संयोजन में 56 हजार ग्राम पंचायतों में ग्राम किसान चौपाल के माध्यम से शुक्रवार को विजयदशमी के दिन विजय शंखनाद करेगा।

ग्राम किसान चौपाल अभियान के माध्यम से पार्टी विजयादशमी से लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती 31 अक्टूबर तक प्रदेश की हर ग्रामसभा में जनसंवाद करेगी। गुरुवार को भाजपा के राज्य मुख्यालय पर पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी प्रकाश पाल के मार्गदर्शन में आयोजित की तैयारी बैठक किसानों की आय दोगुनी करने, उनको समृद्धशाली बनाने की जो योजनाएं विश्व के सबसे शक्तिशाली लोकतंत्र के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में चलाई जा रही है वह सभी के लिए लाभकारी हों, किसान अपनी आय सरकार के द्वारा दी गई योजनाओं के माध्यम से बढ़ाकर इसका अभियान पूरा करेगा।

किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी प्रकाश पाल के कहा कि विपक्षी राजनीतिक पार्टियां चाहे सपा हो, बसपा हो या कांग्रेस हो इनके पास कोई योजना नहीं है, कोई मुद्दा नहीं हैं। यह सभी राजनीतिक पार्टियां केंद्र सरकार एवं प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी योजाओं से जनता का ध्यान हटाना चाहती हैं।

उन्होंने कहा, राजनीतिक अफवाहों के सौदागर विपक्षी पार्टियों के लोग झूठ, अफवाह, भय पैदाकर राज्य में अराजकता का वातारण पैदा करना चाहते हैं। यूपी का किसान इनके मंसूबों को कभी भी पूरा नहीं होने देगा, जिन्होंने किसानों की जमीन हड़पीं। वहीं, कांग्रेस पार्टी और उनके लोग घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। यूपी का किसान इनको समझता है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
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