logo-image

Covaxin के थर्ड फेज का ट्रायल रिजल्ट जारी, डेल्टा वेरिएंट पर 65 फीसद असरदार

डेल्‍टा वेरिएंट के खिलाफ कोवैक्सिन वैक्सीन 65.2% असरदार पाई गई है. जबकि गंभीर संक्रमण से बचाने के लिए कोवैक्सिन 93.4% प्रभावी बताई गई. Asymptomatic कोरोना मरीजों पर ये 63.6% कारगर साबित हुई.

Updated on: 03 Jul 2021, 09:55 AM

highlights

  • तीसरे चरण में 77.8% प्रभावी पाई गई COVAXIN
  • कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 65.2% प्रभावी
  • कोरोना के गम्भीर संक्रमण में 93.4% असरदार

नई दिल्ली:

भारत में विकसित की गई कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन (COVAXIN) को लेकर को लेकर राहत भरी खबर सामने आई है. वैक्‍सीन COVAXIN के तीसरे चरण के ट्रायल (Third Phase Trial) के नतीजे अधिकारिक रूप से जारी कर दिए हैं. इनके मुताबिक COVAXIN को कोरोना के खिलाफ 77.8% प्रभावी पाया गया है. वहीं खतरनाक डेल्‍टा वेरिएंट के खिलाफ यह 65.2% असरदार है. बताया गया कि कोवैक्सिन कोरोना के गंभीर मरीजों और डेल्टा वेरिएंट के मरीजों पर भी असरदार पाई गई है. बताया गया कि कोवैक्सिन 60 साल से ऊपर वाले लोगों पर 67.8% और 60 साल से कम के लोगों पर 79.4% प्रभावी है. हालांकि, तीसरे चरण के ट्रायल के दौरान करीब 99 वॉलंटियर्स में गंभीर साइड इफ़ेक्ट्स भी देखे गए. 

कोवैक्सिन की एफिकेसी 77.8% 
कोवैक्सिन के तीसरे फेज के ट्रायल से पता चला है कि इसकी ओवरऑल एफिकेसी 77.8% पाई गई. जबकि कोरोना वायरस के गंभीर संक्रमण पर इसकी ओवरऑल एफिकेसी 93.4 प्रतिशत पाई गई. 

गंभीर संक्रमण में 93.4% प्रभावी 
कोरोना वायरस के गंभीर संक्रमण के शिकार हुए लोगों की बात करें तो कोवैक्‍सीन इसके खिलाफ 93.4% प्रभावी पाया गया है. कंपनी ने अधिकारिक नतीजे जारी करते हुए बताया कि तीसरे चरण के ट्रायल में भाग लेने वाले 16,973 लोगों को दोनों डोज (असली वैक्सीन या प्लेसिबो) देने के बाद कम से कम 2 हफ्तों तक उनकी सेहत पर नजर रखी गई. इस फॉलोअप में पाया गया कि 130 वॉलंटियर्स को कोविड संक्रमण हुआ, उसमें से 24 लोग ऐसे थे जिन्हें असली वैक्‍सीन के दोनों डोज लगने के बाद COVID हुआ था, वहीं 124 वॉलंटियर्स को प्लेसिबो लगने के बाद कोविड हुआ था. 

यह भी पढ़ें: दिल्लीः लक्ष्मीनगर सहित दिल्ली के कई मार्केट दोबारा खुले

इसी तरह COVID का गम्भीर संक्रमण जिन 16 वॉलंटियर्स में देखा गया, उनमें से केवल 1 को असली वैक्सीन के दोनों डोज दिए गए थे और बाकी 15 को प्लेसिबो दिया गया था. इस ट्रायल में यह भी पाया गया कि 60 साल से ऊपर के लोगों पर कोवैक्‍सीन 67.8% प्रभावी है और 60 साल से कम उम्र के लोगों पर 79.4% प्रभावी है

साइड इफेक्‍ट्स भी मिले 
तीसरे चरण के ट्रायल के दौरान कुल 99 वॉलंटियर्स में गंभीर साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिले. इनमें से 39 वॉलंटियर्स असली वैक्‍सीन वाले और 60 प्लेसिबो वाले थे. तीसरे चरण के ट्रायल में भाग लेने वाले 15 वॉलंटियर्स की मौत भी हुई है. इसे लेकर कंपनी ने जोर देकर कहा कि इनमें से किसी भी वॉलंटियर की मौत का कारण वैक्सीन या प्लेसिबो का साइड इफेक्ट नहीं था. इनमें से 5 वॉलंटियर्स को असली वैक्‍सीन और 10 को प्लेसिबो दी गई थी. साथ ही मरने वाले 15 वॉलंटियर्स में से 6 की मौत कोरोना संक्रमण से हुई और इनमें से 1 को असली वैक्‍सीन और 5 को प्‍लेसिबो दिया गया था.