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Bharat Bandh: किसानों का 'भारत बंद' खत्म, जानें कैसा रहा किसानों के प्रदर्शन

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन द्वारा बुलाया गया 'भारत बंद' खत्म हो गया है

Updated on: 27 Sep 2021, 05:00 PM

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन द्वारा बुलाया गया 'भारत बंद' खत्म हो गया है. हालांकि भारत बंद का देश में मिला जुला असर देखने को मिला. किसानों के प्रदर्शन का असर उत्तर भारत में कई ट्रेनों पर देखने को मिला.  इस दौरान नागपुर में जबरन दुकानें बंद करवाई गईं. वहीं, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने भारत बंद के सफल रहने का दावा किया है.  भारत बंद की सफलता का दावा करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा भारत बंद पूरी तरह से कामयाब रहा. इस दौरान बंद को किसानों का पूरा समर्थन मिला. टिकैत ने कहा कि क्योंकि भारत बंद के दौरान सबकुछ सील नहीं किया जा सकता था, क्योंकि लोगों की आवाजाही भी बनाए रखनी जरूरी थी. राकेश टिकैत ने कहा कि हम सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन कोई बातचीत नहीं हो रही है.' रिपोर्ट के अनुसार भारत बंद की वजह सेय उत्तर भारत की करीब 25 ट्रेनें प्रभावित रहीं. बंद का असर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, अमृतसर, मोगा, कटरा जाने वाले ट्रेनों पर साफ दिखाई दिया. इसका सबसे बड़ा कारण यह रहा कि पंजाब में किसानों ने रेलवे ट्रैक पर आकर प्रदर्शन किया.

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पुलिस ने यहां बताया कि तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे एक किसान की सोमवार को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. मृतक किसान की पहचान 55 वर्षीय बघेल राम के रूप में हुई है, जो पंजाब के खेला गांव का निवासी था और कीर्ति किसान यूनियन (केकेयू) का सदस्य था. केकेयू के एक अन्य सदस्य रघुवीर सिंह ने कहा कि बघेल राम की तबीयत कुछ समय से ठीक नहीं चल रही थी और वह अपने डेरे में आराम कर रहे थे. पुलिस ने कहा कि बघेल की मौत की सूचना मिलते ही वे मौके पर पहुंचे और उसे पास के अस्पताल ले गए जहां किसान को मृत घोषित कर दिया गया. पोस्टमार्टम के बाद पता चला कि किसान की मौत हार्ट अटैक से हुई है. पहले किसान की मौत को लेकर अफरातफरी की खबरें आती थीं, लेकिन पुलिस ने ऐसी सभी खबरों का खंडन किया। उनकी मृत्यु कृषि संघों द्वारा देशव्यापी हड़ताल के दिन हुई है.

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संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने भारत भर के लगभग 100 किसान संघों, 15 ट्रेड यूनियनों और कई राजनीतिक दलों के एक संघ ने संयुक्त रूप से सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक भारत बंद का आह्वान किया था. भारत के राष्ट्रपति ने पिछले साल तीन कृषि कानूनों को अपनी सहमति दी थी, जिसे उन्होंने पहली वर्षगांठ को चिह्न्ति करने के लिए सोमवार को 'ब्लैक डे' कहा था.