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CAA पर गलत जानकारियों का प्रसार किया जा रहा, भैयाजी जोशी ने कहा डरे नहीं मुसलमान

अगर सीएए के पीछे की भावना को सही तरीके से समझा जाता तो इसे किसी के विरोध का सामना नहीं करना पड़ता.

Updated on: 26 Jan 2020, 01:00 PM

highlights

  • भारत में मुसलमानों का कभी भी उत्पीड़न नहीं हुआ.
  • CAA पर गलत जानकारियों का प्रसार किया जा रहा.
  • अलग-अलग समूह इसके खिलाफ माहौल तैयार कर रहे.

नागपुर:

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के महासचिव भैयाजी जोशी (Bhaiyaji Joshi) ने रविवार को कहा कि भारत में मुसलमानों का कभी भी उत्पीड़न नहीं हुआ. उन्होंने आरोप लगाया कि देश में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ गलत जानकारियों का प्रसार किया जा रहा है. अगर सीएए के पीछे की भावना को सही तरीके से समझा जाता तो इसे किसी के विरोध का सामना नहीं करना पड़ता. वह 71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर संघ मुख्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि भारत के पास अपना संविधान है और वह उसके अनुसार चलता है.

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अब तक नहीं हुआ मुस्लिमों का उत्पीड़न
जोशी ने सीएए को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में कहा, 'अब तक, इस्लाम के अनुयायियों को इस देश में किसी भी तरह के उत्पीड़न का सामना नहीं करना पड़ा है. अगर वहां से कोई भी नागरिक आता है चाहे वह मुस्लिम ही क्यों न हो, वह भी पहले से बने कानून के हिसाब से नागरिकता हासिल कर सकता है. इसमें समस्या क्या है?' उन्होंने कहा, 'बिना गंभीरता से विचार किए हुए गलत सूचनाओं का प्रसार किया जा रहा है. अगर सीएए के पीछे की भावना को सही तरीके से समझा जाता तो इसे किसी के विरोध का सामना नहीं करना पड़ता.' श्रीलंका के लोगों को इसमें शामिल नहीं किए जाने को लेकर पूछे गए एक सवाल में उन्होंने कहा कि इन्हें पहले अनुमति दी गई थी और वहां अब धार्मिक आधार पर उत्पीड़न नहीं है.

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गलत जानकारी से बचें भारतीय मुसलमान
जोशी ने कहा, 'सरकार ने बार-बार इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण दिया है लेकिन अलग-अलग समूह अब भी इसके खिलाफ माहौल तैयार कर रहे हैं. संसद ने इस कानून को पारित किया है और सब को इसे स्वीकार्य करना चाहिए.' उन्होंने कहा कि पूर्व में भी सरकारों ने नागरिकता कानून में संशोधन किया है. जोशी ने लोगों से गलत जानकारियों से बचने की अपील की. संघ के महासचिव ने कहा, 'यह देश के लिए अनिवार्य है कि कोई भी विदेशी यहां न रहे. यह अधिनियम सिर्फ पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदुओं को ही नहीं बल्कि जैन, सिख, बौद्ध और ईसाईयों को भी नागरिक बनने की अनुमति देता है. इसलिए अशांति फैलाना अच्छा नहीं है.'