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In picture Bhabha with Albert Einstein (relativity), Yukawa, John Whee( Photo Credit : Twitter)
आज ही के दिन वर्ष 1966 में मोंट ब्लांक में होमी जहांगीर भाभा की एक विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी. भारतीय परमाणु कार्यक्रम के जनक के नाम से मशहूर भाभा का जन्म 30 अक्टूबर 1909 को मुंबई के एक रईस पारसी परिवार में हुआ था. भाभा वैज्ञानिक के साथ-साथ एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी भी थे. डॉक्टर भाभा की शख्सियत ऐसी थी कि नोबेल पुरस्कार विजेता सीवी रमन उन्हें भारत का लियोनार्दो द विंची कहकर पुकारते थे. कहा जाता है कि अगर होमी जहांगीर भाभा की मौत एक विमान हादसे (plane crash) में न हुई होती तो शायद भारत न्यूक्लियर साइंस के क्षेत्र में कहीं बड़ी उपलब्धि हासिल कर चुका होता. सिर्फ 56 साल की उम्र में भारत में न्यूक्लियर एनर्जी प्रोग्राम के जनक भाभा की मौत हो गई. आरोप है कि भाभा की मौत के पीछे साजिश थी. भारत के न्यूक्लियर एनर्जी प्रोग्राम को रोकने के लिए भाभा की मौत की साजिश रची गई थी. होमी जहांगीर भाभा जिंदा होते तो भारत न्यूक्लियर एनर्जी के क्षेत्र में महारत हासिल कर चुका होता.
भाभा ने की थी बार्क की स्थापना
भारत का परमाणु कार्यक्रम डॉ. होमी जहांगीर भाभा के नेतृत्व में मुंबई में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र यानी बार्क की स्थापना की गई. 3 जनवरी 1954 को परमाणु उर्जा आयोग के द्वारा परमाणु उर्जा संस्थान के नाम से आरंभ हुआ और तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा 20 जनवरी 1957 को राष्ट्र को समर्पित किया गया.
भाभा ने 18 महीने में परमाणु बम बनाने का दावा किया था
विमान दुर्घटना के तीन महीने पहले भाभा की एक घोषणा ने दुनिया के बड़े मुल्कों को चौंका दिया था. भाभा ने ऑल इंडिया रेडियो पर घोषणा करते हुए कहा था कि अगर उन्हें छूट मिले तो वे 18 महीने में परमाणु बम बनाकर दिखा सकते हैं. भाभा हमेशा देश की सुरक्षा, ऊर्जा, कृषि और मेडिसिन के क्षेत्र में न्यूक्लियर एनर्जी के डेवलपमेंट का जिक्र करते थे.
ऐसे हुआ था हादसा
24 जनवरी 1966 को होमी जहांगीर भाभा एयर इंडिया के फ्लाइट नंबर 101 से सफर कर रहे थे. मुंबई से न्यूयॉर्क जा रहा एयर इंडिया का बोइंग 707 विमान माउंट ब्लैंक पहाड़ियों के पास हादसे का शिकार हो गया. इस हादसे में होमी जहांगीर भाभा समेत विमान में सवार सभी 117 यात्रियों की मौत हो गई थी.
सीआईए पर लगा था आरोप
होमी जहांगीर भाभा की मौत को लेकर कई तरह की अफवाहें उड़ती रही, लेकिन कहा जाता है कि वो विमान हादसा जानबूझकर करवाया गया था. अमेरिका नहीं चाहता था कि भारत का न्यूक्लियर प्रोग्राम आगे बढ़े. इसलिए अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने होमी जहांगीर भाभा जिस प्लेन से जा रहे थे, उसका क्रैश करवा दिया. हालांकि इसे कभी साबित नहीं किया जा सका.
आज भी अबूझ पहेली है भाभा की मौत
होमी जहांगीर भाभा देश की सुरक्षा के लिए परमाणु बम बनाना चाहते थे. कहा जाता है कि भारत की तरक्की को देखकर अमेरिका डर गया. उसे यह महसूस होने लगा कि यदि भारत ने परमाणु बम बना लिया तो ये पूरे दक्षिण एशिया के लिए खतरनाक साबित होगा. इसलिए सीआईए ने भारत के न्यूक्लियर प्रोग्राम को रोकने के लिए भाभा की हत्या की साजिश रची. होमी भाभा को किसने मारा? भारत के परमाणु जनक की मृत्यु आज भी एक अबूझ पहेली है.
HIGHLIGHTS
- भाभा के नेतृत्व में मुंबई में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र की स्थापना
- जहांगीर भाभा देश की सुरक्षा के लिए परमाणु बम बनाना चाहते थे
- सीआईए ने न्यूक्लियर प्रोग्राम को रोकने के लिए भाभा की हत्या की साजिश रची