कर्नाटक में महिला आईएएस और महिला आईपीएस अधिकारियों के बीच घमासान जारी है। इस कड़ी में कर्नाटक सरकार ने मंगलवार को परस्पर विरोधी आईएएस अधिकारी रोहिणी सिंधुरी और आईपीएस अधिकारी डी. रूपा मौदगिल को उनके सार्वजनिक लड़ाई पर नोटिस जारी किया।
सूत्रों के मुताबिक, कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग (डीपीएआर) ने अधिकारियों से कहा है कि वे मीडिया के पास न जाएं और न ही एक-दूसरे के खिलाफ सोशल मीडिया पर कुछ भी साझा करें। अंडर सेकेट्ररी जेम्स तारकन ने नोटिस जारी कर उन्हें नियमों का उल्लंघन न करने की चेतावनी दी।
नोटिस में कहा गया है, अपनी आपत्तियों और शिकायतों को दर्ज करने के लिए एक मंच होने के बावजूद, आप मीडिया के सामने शर्मिदगी और सरकार को बदनाम करने की हरकतें कर रहे हैं।
नोटिस में कहा गया, एक सरकारी अधिकारी होने के नाते, यह आचरण मान्य नहीं है और सेवा नियमों के विरुद्ध है। नियमों के मुताबिक सिर्फ सेवारत ड्यूटी और सरकारी परियोजनाओं की जानकारी देने के लिए मीडिया से संपर्क किया जा सकता है। मीडिया में बयान देने से बचना चाहिए।
दोनों अधिकारियों को सख्त आदेश दिया गया है कि मीडिया के बीच न जाएं और सेवा नियमावली के सर्कुलर का पालन करें और अनुशासन बनाए रखें। नोटिस मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के निर्देश पर जारी किया गया है।
दोनों अफसरों ने एक-दूसरे के खिलाफ शासन की मुख्य सचिव वंदिता शर्मा से शिकायत की थी। सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में भी इस मामले पर चर्चा हुई थी। अधिकारियों की सार्वजनिक लड़ाई से सरकार की छवि पर असर पड़ने को लेकर मंत्रियों ने चिंता जताई।
रोहिणी सिंदूरी के पति ने रूपा को मानसिक रूप से बीमार कहा था, जबकि रोहिणी ने उन्हें मीडिया के सामने जल्द से जल्द ठीक होने के लिए कहा था।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रूपा ने डिलीट किए गए मैसेज का एक स्क्रीन शॉट पोस्ट किया और आरोप लगाया कि रोहिणी ने व्हाट्सऐप पर न्यूड तस्वीरें भेजी थीं। उन्होंने सवाल किया कि क्या कोई आईएएस अधिकारी उन्हें न्यूड तस्वीरें भेज सकता है?
रूपा द्वारा रोहिणी की निजी तस्वीरें प्रकाशित करने और आरोप लगाने के बाद दोनों महिला अधिकारियों के बीच टकराव की स्थिति बन गई।
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Source : IANS