कर्नाटक के पूर्व उप मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता के.एस. ईश्वरप्पा ने कहा है कि वह स्वेच्छा से सक्रिय राजनीति से संन्यास ले रहे हैं। ऐसी खबरें थीं कि शिवमोगा से टिकट नहीं मिलने के बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराने के लिए उन्होंने ऐसा बयान दिया। हालांकि, ईश्वरप्पा ने आईएएनएस को फोन पर दिए साक्षात्कार में अपने पूर्व सहयोगी जगदीश शेट्टर के कांग्रेस में शामिल होने के फैसले पर नाखुशी जाहिर की।
साक्षात्कार के अंश:
आईएएनएस: आप कर्नाटक में भाजपा की संभावनाओं के बारे में क्या महसूस करते हैं?
ईश्वरप्पा: भाजपा कर्नाटक में अच्छे जनादेश के साथ चुनाव जीत रही है। राज्य में कोई सत्ता-विरोधी कारक नहीं है। भाजपा सरकार ने लोगों के लिए अच्छा काम किया है जिससे वे 2023 के विधानसभा चुनावों में हमारी पार्टी को वापस सत्ता में लाएंगे।
आईएएनएस: आप पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं और इस बार आप चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। क्या आप इससे नाखुश हैं?
ईश्वरप्पा: देखिए, मैंने स्वेच्छा से अपने राष्ट्रीय नेतृत्व को बता दिया है कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा और मैं सक्रिय राजनीति से संन्यास ले रहा हूं। तो मेरी नाखुशी को लेकर इस तरह के सवाल की कोई जरूरत नहीं है। मैं पूरी तरह से खुश हूं और सक्रिय रूप से पार्टी उम्मीदवार चन्नबसप्पा की जीत के लिए काम कर रहा हूं।
आईएएनएस: ऐसी चर्चा थी कि आप इस सीट पर अपने बेटे के.ई. कांतेश को टिकट दिलाने के लिए जोड़-तोड़ कर रहे थे। आपकी टिप्पणियां।
ईश्वरप्पा: मैंने अपने बेटे कांतेश के लिए कभी कोई जोड़-तोड़ नहीं की। चन्नबसप्पा मेरे सक्रिय अनुयायी और पार्टी कार्यकर्ता हैं, जो शिवमोग्गा निगम में चार बार पार्षद और पार्टी जिला महासचिव रहे हैं। वह एक योग्य नेता हैं और वह पार्टी के लिए सीट जीतेंगे।
आईएएनएस : पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके जगदीश शेट्टर ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। आपकी टिप्पणियां?
ईश्वरप्पा: जगदीश शेट्टर को ऐसा नहीं करना चाहिए था। वह पार्टी के एक वरिष्ठ नेता हैं और पार्टी ने उन्हें नेता प्रतिपक्ष, अध्यक्ष, महत्वपूर्ण विभागों में मंत्री और कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनाया है। उन्हें पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के फैसले को स्वीकार करना चाहिए था। इस फैसले से उनका ही नुकसान है, न कि पार्टी या देश का।
आईएएनएस: आपने कथित तौर पर कहा था कि आपको चुनाव में मुस्लिम वोटों की जरूरत नहीं है। क्या यह धार्मिक आधार पर लोगों को बांटने की चाल के तहत कहा गया था?
ईश्वरप्पा: मैंने कभी नहीं कहा कि मुझे मुस्लिम वोटों की जरूरत नहीं है या भाजपा को मुस्लिम वोटों की जरूरत नहीं है। मैंने कहा था कि हमें उन मुसलमानों के वोट की जरूरत नहीं है जो देशद्रोही हैं।
दोनों में बहुत बड़ा अंतर है। मैं ऐसा कुछ भी नहीं करूंगा जिससे सांप्रदायिक भावनाओं को ठेस पहुंचे और इसे लेकर मेरा विवेक स्पष्ट है।
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Source : IANS