अफगानिस्तान में पिछले महीने मारे गए पुलित्जर पुरस्कार विजेता रॉयटर्स फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी का शव तालिबान की हिरासत में बुरी तरह से क्षत-विक्षत हो गया था। अफगान मीडिया रिपोर्ट्स में अफगानिस्तानी अधिकारियों के हवाले से यह दावा किया गया है।
38 वर्षीय सिद्दीकी, एक भारतीय नागरिक थे, जिन्होंने हाल के वर्षों में दक्षिण एशिया से कुछ सबसे यादगार समाचार तस्वीरें लीं थीं। उन्हें 16 जुलाई की सुबह मार दिया गया था। वह अफगानिस्तान की सेना के साथ स्पिन बोल्डक गए थे, जो हाल ही में तालिबान द्वारा कब्जा किया गया एक सीमावर्ती जिला है। घटनास्थल से शुरूआती तस्वीरों में सिद्दीकी के शरीर पर कई घाव दिखाई तो दे रहे थे, लेकिन उस वक्त तक उनका पार्थिव शरीर क्षत-विक्षत नहीं था।
मीडिया रिपोटरें में कहा गया है कि उसी शाम तक, जब शव को रेड क्रॉस को सौंप दिया गया और दक्षिणी शहर कंधार के एक अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, तो दो भारतीय अधिकारियों और दो अफगान स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, यह बुरी तरह से क्षत-विक्षत हो चुका था।
उस समय क्षेत्र पर तालिबान लड़ाकों का नियंत्रण था और कुछ तस्वीरों से पता चलता है कि सिद्दीकी के शरीर के चारों ओर समूह के लड़ाके खड़े थे, जो तब बिगाड़ा नहीं गया था।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने कई तस्वीरों की समीक्षा की, जिनमें से कुछ भारतीय अधिकारियों द्वारा प्रदान की गई थीं और अन्य अस्पताल में अफगान स्वास्थ्य कार्यकतार्ओं द्वारा ली गई थीं, जिसमें दिखाया गया था कि सिद्दीकी का शरीर क्षत-विक्षत हो गया था।
मीडिया रिपोटरें के अनुसार, एक भारतीय अधिकारी ने कहा कि शरीर पर लगभग एक दर्जन गोलियों के घाव थे और सिद्दीकी के चेहरे और छाती पर टायर के निशान थे।
मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि कंधार में स्वास्थ्य अधिकारियों में से एक ने कहा कि सिद्दीकी का शव रात करीब आठ बजे शहर के मुख्य अस्पताल में पहुंचा था, जिस दिन उसकी हत्या की गई थी।
उनका चेहरा पहचानने योग्य नहीं था। अधिकारी ने कहा कि हालांकि यह निर्धारित नहीं किया जा सका कि शरीर के साथ क्या किया गया था।
16 जुलाई को जो हुआ उसके बारे में परस्पर विरोधी रिपोर्टें हैं, क्योंकि अफगान विशेष बल जिनके साथ सिद्दीकी यात्रा कर रहे थे, ने स्पिन बोल्डक को वापस लेने की कोशिश की थी।
स्थानीय अधिकारियों के साथ-साथ तालिबान के सदस्यों के अकाउंट्स से पता चलता है कि सिद्दीकी और अफगान यूनिट के कमांडर एक गोलीबारी में मारे गए थे, जब उनके काफिले पर कई दिशाओं से घात लगाकर हमला किया गया था। यह भी बताया गया कि उनके पार्थिव शरीर को घटनास्थल पर ही छोड़ दिया गया था, क्योंकि बाकी यूनिट पीछे हट गई थी।
कुछ समाचार आउटलेट्स ने बताया कि सिद्दीकी को तालिबान ने जिंदा पकड़ लिया और फिर उसे मार दिया गया। अभी तक उन रिपोटरें की पुष्टि नहीं की जा सकी है। हालांकि, एक भारतीय अधिकारी ने कहा कि सिद्दीकी के कुछ घाव नजदीक से गोली लगने के कारण नजर आ रहे थे।
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Source : IANS