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अमित शाह की मेजबानी करने वाला परिवार टीएमसी में शामिल, ममता बनर्जी पर बीजेपी का हमला कहा- महाली दंपति पर बनाया गया दबाव

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की विस्तार यात्रा के दौरान नक्सलबाड़ी में भोज की मेजबानी करने वाला परिवार तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गया है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि टीएमसी ने दबाव बनाकर उन्हें पार्टी में शामिल किया है।

Updated on: 03 May 2017, 06:29 PM

नई दिल्ली:

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की विस्तार यात्रा के दौरान नक्सलबाड़ी में भोज की मेजबानी करने वाला परिवार तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गया है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि टीएमसी ने दबाव बनाकर उन्हें पार्टी में शामिल किया है।

25 अप्रैल को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने विस्तार यात्री की शुरुआत की थी। उन्होंने महाली दंपति के घर पर भोजन किया था।

बुधवार को जनजातीय दंपति राजू और गीता महाली पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी में शामिल हो गए। बीजेपी के लिये ये एक राजनीतिक तौर पर परेशानी पैदा करने वाली घटना है।

हालांकि तृणमूल की दार्जिलिंग इकाई के अध्यक्ष और राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देब ने कहा कि महाली दंपति अपनी मर्जी से पार्टी में शामिल हुआ है। महाली परिवार देब की मौजूदगी में ही टीएमसी में शामिल हुआ है।

BJP अध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोप लगाया है कि दंपति को मजबूर किया गया।

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इधर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि महाली परिवार पर दबाव बनाकर पार्टी में शामिल कराया है।

उन्होंने कहा कि नक्सलबाड़ी के आदिवासी परिवार जिसके यहां पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने खाना खाया था उस पर ममता बनर्जी ने दबाव बनाकर टीएमसी में शामिल कराया है।

देब ने महाली दंपति की तरफ से लिखा हुआ एक नोट भी पढ़ा जिसमें कहा गया, 'ममता बनर्जी के नेजृत्व में की राज्य सरकार के विकास कार्य से सहमत होकर हम अपनी मर्जी और पसंद से तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए हैं।'

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राज्य बीजेपी अध्यक्ष घोष ने कहा, 'जनजातीय दंपति को धमकी दी गई है। स्थानीय टीएमसी नेताओं ने परिवार पर सत्तारूढ़ दल के नेताओं को घर बुलाने का दबाव बनाया।'

उन्होंने कहा, 'वे बीते कुछ दिनों से लापता थे। उनकी गुमशुदगी की शिकायत भी हमने दर्ज कराई थी। दंपति अपनी मर्जी से तृणमूल में शामिल नहीं हुआ है, उन्हें शामिल होने के लिये बाध्य किया गया।'

जनजातीय दिहाड़ी मजदूर राजू महाली घरों और इमारतों की रंगाई कर अपनी जीविका चलाते हैं। शाह ने उनके यहां जमीन पर बैठकर भोजन किया था।

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