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Bengal विरोध पर बोलीं ममता, पुलिस चला सकती थी गोलियां, पर संयम रखा

विरोध प्रदर्शनों को लेकर भगवा पार्टी पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने आरोप लगाया कि बीजेपी राज्य के बाहर से ट्रेनों में बम से लैस गुंडों को नबन्ना अभियान के दौरान उपद्रव करने के लिए लाई."

Updated on: 14 Sep 2022, 07:54 PM

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पश्चिम बंगला (West bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta banerjee) ने बुधवार को यह इशारा करते हुए कहा कि बंगाल पुलिस  (Bengal police) मंगलवार को राज्य सचिवालय तक मार्च के दौरान हिंसक भाजपा प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चला सकती थी, लेकिन उनकी सरकार ने अधिकतम संयम का प्रयोग किया. पूर्व मेदिनीपुर जिले के निमटौरी में एक प्रशासनिक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा,  “उस रैली के प्रतिभागियों द्वारा कई पुलिस कर्मियों पर बेरहमी से हमला किया गया. पुलिस गोली चला सकती थी, लेकिन हमारे प्रशासन ने अधिकतम संयम दिखाया. विरोध प्रदर्शनों को लेकर भगवा पार्टी पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने आरोप लगाया कि बीजेपी राज्य के बाहर से ट्रेनों में बम से लैस गुंडों को नबन्ना अभियान के दौरान उपद्रव करने के लिए लाई."

ममता ने कहा, यह कहते हुए कि राज्य सरकार के पास लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण विरोध के खिलाफ कुछ भी नहीं है, लेकिन भाजपा और उसके समर्थकों ने हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी का सहारा लिया. उन्होंने संपत्तियों को आग लगा दी और लोगों में डर पैदा कर दिया. ममता ने कहा, "हम इसकी अनुमति नहीं देंगे. गिरफ्तारियां की जा रही हैं और कानून अपना काम करेगा. " टीएमसी सुप्रीमो ने यह भी उल्लेख किया कि दुर्गा पूजा से कुछ हफ्ते पहले विरोध मार्च से यात्रियों और व्यापारियों को असुविधा हुई. कोलकाता में मंगलवार को कई बीजेपी कार्यकर्ता और पुलिस कर्मी घायल हो गए थे और एक पुलिस वाहन को कोलकाता में आग लगा दी गई. शहर के विभिन्न हिस्सों में पश्चिम बंगाल में मुख्य विपक्षी दल द्वारा सत्तारूढ़ टीएमसी के खिलाफ विरोध मार्च हिंसक हो गया था. झड़पों के बाद, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य के गृह सचिव को 19 सितंबर तक एक रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा, जिसमें आरोप लगाया गया था कि भाजपा समर्थकों को पार्टी के "नबन्ना अभियान" के तहत हावड़ा में राज्य सचिवालय तक मार्च में शामिल होने से रोका गया था. 

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अभिषेक बनर्जी ने कहा, गुंडागर्दी करने का अधिकार किसी को नहीं

इस बीच टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि विरोध करने का अधिकार सभी को है लेकिन गुंडागर्दी करने का नहीं. पुलिस प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस और पानी की बौछार करने के बजाय गोलियां चला सकती थी, लेकिन उन्होंने संयम दिखाया ताकि आम लोगों को परेशानी न हो. ममता बनर्जी सरकार में यह बदलाव है. बनर्जी ने कहा, नबन्ना मार्च के नाम पर एक राजनीतिक दल ने उसी तरह गुंडागर्दी की जिस तरह से उन्होंने 2019 में विद्यासागर की प्रतिमा को ध्वस्त कर दिया था.  एक निहत्थे पुलिस अधिकारी पर लोहे की छड़ और डंडों से हमला किया गया, पुलिस वैन में आग लगा दी गई.