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बंगाल पंचायत चुनाव : फर्जी जाति प्रमाणपत्र जारी करने के आरोप पर बवाल

बंगाल पंचायत चुनाव : फर्जी जाति प्रमाणपत्र जारी करने के आरोप पर बवाल

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IANS
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Bengal panchayat

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों को फर्जी जाति प्रमाणपत्र जारी करने के आरोप को लेकर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है।

यह आरोप सबसे पहले पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लगाया था।

पोस्ट में अधिकारी ने आरोप लगाया कि पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के निरीक्षकों को अनुविभागीय अधिकारियों द्वारा संभावित तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों को फर्जी जाति प्रमाणपत्र जारी करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, ताकि वे आरक्षित सीटों से चुनाव लड़ने के योग्य हो जाएं।

पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग को पश्चिम बंगाल में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग समुदायों से संबंधित लोगों के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के लिए सौंपा गया है। उनकी जिम्मेदारियों में जाति प्रमाणपत्र जारी करना और सेवाओं, पदों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण नियमों को लागू करना शामिल है।

अधिकारी ने ट्वीट किया, मालदा सदर, बशीरहाट, चंचल और इस्लामपुर सब-डिवीजनों में व्यापक रूप से इस कदाचार को अंजाम दिया जा रहा है। मैं एनसीएससी - जीओआई और एनसीबीसी - इंडिया से अनुरोध करूंगा कि कृपया संज्ञान लें और यदि संभव हो तो हस्तक्षेप करें।

हालांकि, तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने आरोपों को खारिज कर दिया और एक ट्वीट में कहा : एलओपी शुभेंदु और उनके जादुई स्रोत ने फिर से हमला किया! इस बार उन्होंने एक गुप्त साजिश का पदार्फाश किया है, जिसमें यूनिकॉर्न्‍स, लेप्रेचौंस और झूठे जाति प्रमाणपत्र शामिल हैं! लेकिन उन्हें लगता है कि जब उनकी अपनी पार्टी को फर्जी जाति प्रमाणपत्र देने की बात आती है तो उनकी याददाश्त चुनिंदा होती है।

घोष ने अन्य राज्यों के भाजपा नेताओं द्वारा कथित रूप से फर्जी जाति प्रमाणपत्र हासिल करने के उदाहरणों का भी हवाला दिया।

घोष ने एक अन्य ट्वीट में कहा, यह गंभीर बात है कि कैसे श्री अधिकारी पाखंड और निराधार आरोपों को इतनी चालाकी से टाल सकते हैं, लेकिन 17,69,516 (एससी : 11,28,842, एसटी : 2,55,693 और ओबीसी : 3,84,981) जारी किए गए वैध जाति प्रमाणपत्रों को स्वीकार करने से इनकार करते हैं। 2022-23 के दौरान, जिनमें से 3,83,159 दुआरे सरकार पहल के तहत जारी किए गए हैं।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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