बंगाल के डॉक्टरों की हड़ताल दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र तक पहुंची, मरीजों को कहीं और ले जाने को कहा
पश्चिम बंगाल में इंटर्न डॉक्टर से मारपीट के बाद शुरू हुई हड़ताल की आंच अब दिल्ली समेत कई अन्य राज्यों तक पहुंच गई है. दिल्ली में कई अस्पतालों के डॉक्टरों ने बंगाल के डॉक्टरों का समर्थन करते हुए शुक्रवार को हड़ताल पर जाने का फैसला किया है.
highlights
- बंगाल के हड़ताली डॉक्टरों को अब दिल्ली-राजस्थान के डॉक्टरों का समर्थन भी मिला.
- कई अन्य राज्यों से भी डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने की खबरें.
- ममता बनर्जी के तेवरों ने बिगाड़ी स्थितियां
नई दिल्ली.:
पश्चिम बंगाल में इंटर्न डॉक्टर से मारपीट के बाद शुरू हुई हड़ताल की आंच अब दिल्ली समेत कई अन्य राज्यों तक पहुंच गई है. दिल्ली में कई अस्पतालों के डॉक्टरों ने बंगाल के डॉक्टरों का समर्थन करते हुए शुक्रवार को हड़ताल पर जाने का फैसला किया है. हालांकि राजस्थान के डॉक्टर दो घंटे ओपीडी बंद रखने के बजाय काली पट्टी बांध कर अपना विरोध जताएंगे. एम्स और सफदरजंग के डॉक्टरों ने भी हड़ताल पर जाने का फैसला किया है. एम्स आए मरीजों से किसी और अस्पताल जाने को कहा जा रहा है. कई और राज्यों के डॉक्टरों का भी हड़ताल को समर्थन मिल रहा है. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में बिगड़े हालात को देखते हुए गुरुवार को डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर काम किया.
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स्थितियां बिगड़ने का अंदेशा
दिल्ली में हड़ताल के मद्देनजर अस्पताल प्रशासन पहले ही चिंता जाहिर कर चुका है कि ओपीडी में स्थितियां बिगड़ सकती हैं. सबसे चिंतित करने वाली बात यह है कि बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के तेवरों ने स्थितियों को और बिगाड़ दिया है. यही नहीं, अब तो कुछ और राज्यों के डॉक्टर भी बंगाल के रेजिडेंट्स के समर्थन में आ गए हैं. इससे इस बात का डर बढ़ गया है कि ये हड़ताल कहीं देशव्य़ापी रूप न ले ले.
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ममता बनर्जी के तेवरों से मामला बिगड़ा
गुरुवार को एक नाटकीय घटनाक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चार घंटे में हड़ताल खत्म करने का अल्टीमेटम डॉक्टरों को दिया था. इसके बाद डॉक्टरों ने इस्तीफे देने शुरू कर दिए. डॉक्टरों ने दो टूक कह दिया कि सीएम धमकी दे रही है. बाजी पलटते देख ममता बनर्जी को अपील करने की नौबत आ गई. उन्होंने मेडिकल कॉलेज के सीनियर डॉक्टरों/प्रोफेसरों और अस्पतालों को पत्र लिखकर कहा, "कृप्या सभी मरीजों की देखभाल करें, गरीब लोग सभी जिलों से आ रहे हैं.अगर आप अस्पतालों का ध्यान रखते हैं तो मैं आभारी एवं सम्मानित महसूस करूंगी. वे आसानी और शांति से चलने चाहिए."
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हड़ताल की वजह है यह
बताते हैं कि मंगलवार को एक मरीज की मौत के बाद उसके परिजनों ने एक इंटर्न डॉक्टर के साथ मारपीट कर दी थी. इससे नाराज अन्य डॉक्टरों ने बुधवार सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक काम पूरी तरह से बंद कर दिया. हालांकि, इमरजेंसी डिपार्टमेंट खुला हुआ था. डॉक्टरों की उपस्थिति काफी कम होने के कारण मरीजों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा था. सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की हड़ताल में अब निजी डॉक्टर भी शामिल हो गए हैं.
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