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बेनामी का मतलब ऐसी संपत्ति से है जो असली खरीददार के नाम पर नहीं है। कर से बचने के लिए लोग अपने नाम से प्रॉपर्टी नहीं खरीदते।
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नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार एक और बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रही है। रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा सरकार की नजर अब देश भर में मौजूद बेनामी संपत्ति पर है और इसके खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे।
मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ यह बस शुरुआत है। प्रधानमंत्री के मुताबिक अब बेनामी संपत्ति के खिलाफ अभियान चलेगा। बता दें कि इसी साल अगस्त में संसद ने बेनामी सौदा (निषेध) कानून को पारित किया और एक नवंबर से यह कानून प्रभावी हो गया है।
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पीएम ने कहा कि जनता सरकार के फैसले के साथ है। कालेधन के खिलाफ छापेमारी और इतनी मात्रा में कालेधन की बरामदगी जनता से मिल रही जानकारी की बदौलत संभव हुई है। मोदी ने नोटबंदी के बाद नियमों में किए जा रहे बदलाव का बचाव किया।
उन्होंने कहा नोटबंदी के बाद नियमों में इसलिए बदलाव किया गया ताकि लोगों की परेशानियों को कम किया जा सके। मोदी ने कहा कि देश में ऐसी कई ताकतें हैं जो सरकार के काले धन और भ्रष्टाचार की मुहिम को पटरी से उतारने की कोशिश में लगी हुई हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं आपको यह भरोसा दिलाना चाहता हूं कि यह अंत नहीं है। यह भ्रष्टाचार के खिलाफ महज शुरुआत है। हमें काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जीतनी है। अब इस दिशा में रुकने की कोई जरूरत नहीं है।'
क्या है कानून
बेनामी का मतलब ऐसी संपत्ति से है जो असली खरीददार के नाम पर नहीं है। कर से बचने और ब्योरा न देने के उद्देश्य से लोग अपने नाम से प्रॉपर्टी नहीं खरीदते। जिस व्यक्ति के नाम से यह खरीदी जाती है उसे बेनामदार कहते है।
संसद ने अगस्त 2016 में कानून को पारित किया। बेनामी सौदा (निषेध) कानून 1988 का नाम बदलकर बेनामी संपत्ति लेनदेन कानून 1988 हो गया।
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नए कानून के तहत बेनामी लेनदेन का दोषी पाए जाने पर कम से कम एक साल और अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है। साथ ही संसद से पारित कानून के अनुसार संपत्ति के बाजार मूल्य का 25 फीसदी तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
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Source : News Nation Bureau