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CWC बैठक से पहले प्रियंका गांधी ने तेज की जी-23 से सुलह की कोशिश

पार्टी में सर्वोच्च निर्णय लेने वाले निकाय सीडब्ल्यूसी की बैठक में संगठनात्मक चुनावों को मंजूरी देने की संभावना है, जो कि असंतुष्ट ग्रुप से जुड़े नेताओं की प्रमुख मांग है.

Updated on: 11 Oct 2021, 06:50 AM

highlights

  • असंतुष्ट धड़े जी-23 के नेताओं को साधने प्रियंका गांधी के दूत सक्रिय
  • पंजाब-छत्तीसगढ़ समेत कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव पर होगी सीडब्ल्यूसी बैठक
  • 16 अक्टूबर को आहूत बैठक में बीजेपी को चुनौती देने पर भी बनेगी रणनीति

नई दिल्ली:

कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की इस हफ्ते शनिवार को होने वाली बैठक से पहले पार्टी में जी-23 (G-23) नेताओं और कांग्रेस नेतृत्व के बीच सुलह की कोशिश तेज हो गई हैं. देश की सबसे पुरानी पार्टी में सर्वोच्च निर्णय लेने वाले निकाय सीडब्ल्यूसी की बैठक में संगठनात्मक चुनावों को मंजूरी देने की संभावना है, जो कि असंतुष्ट ग्रुप से जुड़े नेताओं की प्रमुख मांग है. इसके साथ ही पंजाब की रार समेत असम और छत्तीसगढ़ के मसले पर भी बैठक में तीखी चर्चा हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक समीकरण साधने के लिए प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) वाड्रा अपने खास नेताओं के जरिए दूसरे खेमे तक पहुंच रही हैं. कमलनाथ (Kamalnath) असंतुष्ट समूह से बात कर रहे हैं और प्रियंका भी भूपिंदर हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा को लखीमपुर (Lakhimpur) खीरी हिंसा के विरोध में शामिल करके जी -23 तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं. वह अपनी रैली के लिए जूनियर हुड्डा को वाराणसी भी ले गईं.

सक्रियता दिखाने कांग्रेस सौंपेगी राष्ट्रपति को पत्र
सुलह के संकेत कांग्रेस के उस पत्र से मिले हैं, जिसे पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने लखीमपुर खीरी कांड पर एक ज्ञापन सौंपने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने का समय मांगा है. पत्र के हस्ताक्षरकर्ताओं में राहुल गांधी के बाद दूसरे नंबर पर गुलाम नबी आजाद शामिल हैं. गुलाम नबी आजाद जी-23 धड़े के मुखर नेताओं में से एक हैं. कांग्रेस पिछले साल अगस्त 2020 से आंतरिक अंतर्कलह से घिरी हुई है, जब सोनिया गांधी को प्रभावी और स्थायी नेतृत्व के चुनाव के लिए एक पत्र लिखा गया था. पिछले महीने गुलाम नबी आजाद ने फिर सोनिया गांधी को सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने के लिए पत्र लिखा था. अब कांग्रेस आलाकमान ने 16 अक्टूबर को बैठक बुलाई है.

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लखीमपुर कांड के बाद नर्म पड़े हैं असंतोष के स्वर
पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने हाल ही में कहा था, हमारी पार्टी में कोई अध्यक्ष नहीं है, इसलिए हमें नहीं पता कि सभी निर्णय कौन ले रहा है. हम इसे जानते हैं, फिर भी हम नहीं जानते. मेरे किसी वरिष्ठ सहयोगी ने शायद लिखा है या सीडब्ल्यूसी की तत्काल बैठक बुलाने के लिए अंतरिम अध्यक्ष को पत्र लिखने वाला है ताकि बातचीत शुरू की जा सके. लखीमपुर खीरी कांड के बाद जी-23 ने अपने बयानों में नरमी ला दी है. जी-23 के नेताओं में से एक आनंद शर्मा ने गांधी परिवार की प्रशंसा की. उन्होंने कहा, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के उन किसानों के साथ करुणा और एकजुटता के साहसी कार्य की सराहना करते हैं, जिनके बेटे मारे गए थे.