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जी-23 के तेवर पड़ रहे नम्र, राहुल और आजाद का एक होता सुर

आते शनिवार होने वाली कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक (सीडब्ल्यूसी) से पहले यह 'पर्फेक्ट पिक्चर' पार्टी के लिए राहत का संकेत है. आजाद ने सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने के लिए अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा था.

Updated on: 14 Oct 2021, 12:20 PM

highlights

  • प्रियंका गांधी के दूत के प्रयास ला रहे रंग
  • असंतुष्ट जी-23 समूह के साथ पिघल रही बर्फ

नई दिल्ली:

इस बात के कयास पहले ही लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर असंतुष्ट जी-23 समूह के नेताओं के साथ सुलह-सफाई के प्रयास तेज कर दिए गए हैं. अब इस बात के संकेत मिलने भी लगे हैं कि रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलाने के प्रयास रंग भी लाने लगे हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और गुलाम नबी आजाद का पार्टी के दो कार्यक्रमों में एक साथ नजर आना तो कम से कम यही संकेत देता है. दोनों नेता पहले बांग्लादेश मुक्ति संग्राम की फोटो प्रदर्शनी में और दूसरा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ प्रतिनिधिमंडल की बैठक के दौरान एकसाथ नजर आए थे.

आते शनिवार होने वाली कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक (सीडब्ल्यूसी) से पहले यह 'पर्फेक्ट पिक्चर' पार्टी के लिए राहत का संकेत है. आजाद ने सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने के लिए अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ असंतुष्ट समूह से बात कर रहे हैं और प्रियंका भी भूपिंदर हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा को लखीमपुर खीरी हिंसा के विरोध में शामिल करके जी-23 तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं. वह अपनी रैली के लिए जूनियर हुड्डा को वाराणसी भी ले गईं.

कांग्रेस पिछले साल अगस्त 2020 से आंतरिक मतभेदों से घिरी हुई है, जब सोनिया गांधी को प्रभावी नेतृत्व के लिए एक पत्र लिखा गया था. पिछले महीने गुलाम नबी आजाद ने फिर सोनिया गांधी को सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने के लिए पत्र लिखा था और अब कांग्रेस आलाकमान ने 16 अक्टूबर को बैठक बुलाई है. पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने हाल ही में कहा था कि हमारी पार्टी में कोई अध्यक्ष नहीं है, इसलिए हमें नहीं पता कि सभी निर्णय कौन ले रहा है. हम इसे जानते हैं, फिर भी हम नहीं जानते, मेरे एक वरिष्ठ सहयोगी ने सीडब्ल्यूसी की तत्काल बैठक बुलाने के लिए अंतरिम अध्यक्ष को पत्र लिखा है या लिखने वाला हैं ताकि बातचीत शुरू की जा सके.

यह अलग बात है कि लखीमपुर खीरी कांड के बाद जी-23 नेताओं के रूख में नरमी आई है. जी-23 में से एक आनंद शर्मा गांधी परिवार की प्रशंसा करते रहे हैं. उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका की मारे गए किसानों के परिवार के साथ साहसिक रूप से एकजुटता दिखाने के लिए सराहना की है. माना जा रहा है कि इस तरह की सुलह-सफाई का मकसद कांग्रेस के लिए आने वाले दिनों में राहत की बात हो सकती है. खासकर आसन्न उत्तर प्रदेश चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस आलाकमान की कोशिश यही है कि महासचिव प्रियंका गांधी ने जो लीड ली है, वह रंग लेकर आए और कांग्रेस न सही पुराने दिन लेकिन कम से कम अच्छे दिन तो देख ही ले.