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Congress CWC बैठक से पहले G-23 नेता मुखर, आलाकमान पर साधा निशाना

कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उनके नेतृत्व पर सवाल उठाया गया कि वह पार्टी अध्यक्ष छोड़ चुके हैं. खुद कोई हार की जिम्मेदारी लेना नहीं चाहते.

Updated on: 13 Mar 2022, 08:36 AM

highlights

  • कांग्रेस संसदीय समिति और कार्यसमिति की बैठक आज
  • बैठक से पहले ही असंतुष्ट धड़े जी-23 नेता हुए सक्रिय
  • हार के लिए गांधी परिवार पर पहले साध चुके हैं निशाना

नई दिल्ली:

कांग्रेस (Congress) में संगठनात्मक बदलाव के पक्षधर नेताओं यानी जी-23 (G-23) समूह एकतरफ दिल्ली में जहां राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के विरोध में है, तो दूसरी तरफ केरल में वह केसी वेणुगोपाल का मुखर विरोधी है. केसी वेणुगोपाल वायनाड के सांसद राहुल गांधी के अत्यंत करीबी माने जाते हैं. देश के पांच राज्यों में हुये विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में मिली करारी शिकस्त के बाद बौखलाये कांग्रेस के जी-23 नेता इस हार का ठीकरा अब राहुल गांधी के करीबी 58 वर्षीय वेणुगोपाल के सिर फोड़ने में जुटे हैं. जी-23 समूह की फिर से बढ़ी सक्रियता के बीच कांग्रेस संसदीय दल और कार्यसमिति की रविवार को बैठक होने जा रही है. इस बैठक में जी-23 के नेता कांग्रेस की ऐतिहासिक हार पर अपनी आवाज तेजी से मुखर कर सकते हैं. 

वेणुगोपाल के खिलाफ कन्नूर में लगाए गए पोस्टर
गौरतलब है कि वेणुगोपाल को जबसे कांग्रेस महासचिव के साथ संगठन मामलों के महासचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, तबसे वह जी-23 नेताओं की आंखों में खटकने लगे थे. कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी करके उन्हें यह पदभार दिया जाना पार्टी के कई नेताओं को पसंद नहीं आया. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अत्यंत निराशाजनक प्रदर्शन के बाद कन्नूर के श्रीकंदपुरम स्थित पार्टी कार्यालय के बाहर वेणुगोपाल के खिलाफ पोस्टर चिपकाये गए. इन पोस्टरों पर लिखा है-कांग्रेस को बचाएं: पांच राज्यों से कांग्रेस के सफाये के लिये वेणुगोपाल का शुक्रिया.

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वेणुगोपाल और सुधाकरन में भी नहीं बनती
वेणुगोपाल और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के सुधाकरन दोनों कन्नूर के ही निवासी हैं, लेकिन ऐसी रिपोर्टे सामने आ रही हैं कि दोनों नेताओं में आपस में बनती नहीं है. वेणुगोपाल ने सुधाकरन की अनदेखी करते हुये विपक्ष के नेता नियुक्त किए गए वीडी सतीशन को तरजीह दी है. वेणुगोपाल ने कांग्रेस के महासचिव पद तक की सीढ़ियां हमेशा पार्टी के दिग्गज नेताओं के समर्थन से चढ़ी हैं. वह शुरूआत में यानी 1990 में के करूणाकरन के करीबी बने, जिससे उन्हें पार्टी में जबरदस्त उछाल मिला.

राहुल गांधी के नजदीकी हैं वेणुगोपाल
राहुल गांधी से नजदीकी की बदौलत वेणुगोपाल राजस्थान से राज्यसभा के सदस्य नामित हुए, जिसके कारण उम्मन चांडी, रमेश चेन्नीतला और सुधाकरन उनसे खफा हो गए. 2021 में हुये राज्य के विधानसभा चुनाव में वेणुगोपाल सीटों के बंटवारे पर इस कदर हावी रहे कि कांग्रेस को पराजित करके मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अगुवाई वाली वाम लोकतांत्रिक मोर्चे की सरकार रिकॉर्ड बनाती हुई दोबारा सत्ता पर काबिज हो गयी. केरल में जब स्थितियां अधिक प्रतिकूल हो गईं, तो पार्टी हाईकमान ने चेन्नीतला को दरकिनार करते हुये वीडी सतीशन को विपक्ष का नेता घोषित कर दिया. फिलहाल सतीशन को वेणुगोपाल का समर्थन मिला हुआ है.

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जी-23 समूह भी आज कर रहा बैठक, हार पर आलाकमान को लिया निशाने पर
गौरतलब है कि 10 मार्च को पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आते ही जी-23 के नेता गुलाम नबी आजाद के घर पर एक बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में कपिल सिब्बल, अखिलेश प्रसाद सिंह, मनीष तिवारी और कुछ अन्य नेता शामिल हुए थे. सूत्रों के अनुसार बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उनके नेतृत्व पर सवाल उठाया गया कि वह पार्टी अध्यक्ष छोड़ चुके हैं. खुद कोई हार की जिम्मेदारी लेना नहीं चाहते, फिर कैसे वह पंजाब में चन्नी को सीएम चेहरा घोषित कर रहे थे. यूपी में प्रियंका गांधी के प्रदर्शन को लेकर भी सवाल किए गए थे. बैठक में कहा गया प्रियंका की मेहनत यूपी में क्यों कारगर नहीं हुई. मेहनत के बावजूद सफलता नहीं मिलना पार्टी की केंद्रीय नीतियों पर सवाल और खामियों को दर्शाता है. बैठक में इन जी-21 के नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर सवाल उठाये गए. बैठक में ये भी तय हुआ कि बाकी नेताओं जो दिल्ली से बाहर हैं, उन्हें दोपहर डिटेल में बताया जाएगा. उनकी राय लेकर फाइनल रणनीति पर मुहर लगाई जाएगी इसलिए इस ग्रुप की एक अन्य बैठक रविवार को दोपहर 4 बजे बुलाई गई है.