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हड़ताल में शामिल वकीलों के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव, BCI ने SC को बताया

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ को बीसीआई के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने बताया कि उसने इस संबंध में सभी बार काउंसिल के साथ बैठक बुलाई है.

Updated on: 27 Aug 2021, 12:56 PM

highlights

  • बीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट में प्रस्ताव रखा
  • हड़ताल करने वाले वकीलों को दंडित करने का प्रस्ताव
  • सुप्रीम कोर्ट ने बीसीआई की रुख की सराहना की

नई दिल्ली :

बार काउंसिल ऑफ इंडिया (Bar Council of India) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को कहा है कि वो उन वकीलों को दंडित करने के लिए नियम बनाएगी, जिन्होंने कथित तौर पर हड़ताल में शामिल थे. उन वकीलों पर भी कार्रवाई करने का प्रस्ताव है जो सोशल मीडिया के जरिए का से दूर रहने के लिए दूसरे वकीलों को उकसाया और अदालती कार्यवाही में भाग लेने से इनकार कर दिया. बीसीआई (BCI) ने सुप्रीम कोर्ट को अधिवक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के प्रस्ताव के बारे में जानकारी दी है. सुप्रीम कोर्ट ने बीसीआई के प्रस्ताव की सराहना की. 

मीडिया रिपोर्ट् की मानें तो न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ को बीसीआई के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने बताया कि उसने इस संबंध में सभी बार काउंसिल के साथ बैठक बुलाई है.

मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हमने बीसीआई के साथ सभी बार काउंसिल की बैठक बुलाई . हम हड़ताल और बहिष्कार को रोकने के लिए नियम बनाने का प्रस्ताव करते हैं और बार एसोसिएशन के सदस्यों को उचित औचित्य के बिना हड़ताल पर जाने के लिए दंडित करने के लिए नियम बन रहे हैं.'

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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वकीलों की हड़ताल के मुद्दे से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने बीसीआई (बार काउंसिल ऑफ इंडिया) अध्यक्ष की मदद मांगी थी. शुक्रवार को पीठ इस मुद्दे से निपटने के लिए लिए गए एक स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई कर रही थी. जिसमें बीसीआई ने इस प्रस्ताव को रखा.

बीसीआई की ओर से पेश प्रस्ताव की सराहना करते हुए, पीठ ने मामले की आगे की सुनवाई स्थगित कर दी क्योंकि काउंसिल पहले ही मामले को जब्त कर चुकी है.

बता दें कि 28 फरवरी, 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने इस तथ्य को गंभीरता से लेते हुए कि न्यायालय के लगातार निर्णयों के बावजूद, वकील/बार एसोसिएशन हड़ताल पर चले गए, स्वत: संज्ञान लिया. सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया और सभी राज्य बार काउंसिलों को आगे की कार्रवाई का सुझाव देने के लिए कहा. वकीलों द्वारा हड़ताल/काम से दूर रहने की समस्या से निपटने के लिए ठोस सुझाव देने के लिए शीर्ष न्यायालय ने नोटिस दिया था.