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BCAS ने बदला निर्णय, सिख कर्मचारियों को हवाईअड्डा परिसर में कृपाण ले जाने की मिली इजाजत

9 मार्च को एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक पत्र लिखकर विरोध जताया था. 

Updated on: 14 Mar 2022, 08:18 PM

highlights

  • कृपाण लेकर सिख कर्मचारियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने वाला पैरा हटा दिया गया है
  • 12 मार्च को बीसीएएस ने संशोधित आदेश जारी किया

नई दिल्ली:

विमानन सुरक्षा नियामक, ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) ने विमानन क्षेत्र के सिख कर्मचारियों को हवाईअड्डा परिसर के अंदर व्यक्तिगत रूप से कृपाण ले जाने की इजाजत दी है. बीसीएएस के 4 मार्च के आदेश में सिख विमानन क्षेत्र के कर्मचारियों को किसी भी भारतीय हवाई अड्डे के परिसर में कृपाण ले जाने से प्रतिबंधित लगा दिया था. इस आदेश  की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने आलोचना की थी. इसके बाद 12 मार्च को बीसीएएस ने प्रतिबंध हटा लिया. नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) ने ट्वीट कर बताया, 12 मार्च का आदेश 4 मार्च से पहले की स्थिति बहाल करता है. हवाई अड्डे के अंदर निर्दिष्ट आकार के कृपाण लेकर सिख कर्मचारियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने वाला पैरा हटा दिया गया है.

4 मार्च के आदेश में किया सुधार 

सिख धर्म में कृपाण को शरीर में धारण किया जाता है. 4 मार्च के आदेश में बीसीएएस ने कहा कि कृपाण केवल एक सिख यात्री व्यक्तिगत स्तर पर ले जा सकता है. बशर्ते ब्लेड की लंबाई छह इंच से ज्यादा न हो. इसकी कुल लंबाई नौ इंच से ज्यादा न हो. देश के अंदर भारतीय विमानों में हवाई यात्रा करते समय कृपाण की अनुमति है. यह केवल सिख यात्रियों के लिए लागू होगा. हवाई अड्डे और किसी भी टर्मिनल, घरेलू या अंतरराष्ट्रीय में काम करने वाले किसी भी शख्स (सिख सहित) या कर्मचारी को व्यक्तिगत रूप से कृपाण ले जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी. 

गौरतलब है कि 9 मार्च को एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक पत्र लिखकर कहा था कि 4 मार्च का आदेश सिख अधिकारों पर हमला है. ऐसे में 12 मार्च को बीसीएएस ने संशोधित आदेश जारी किया. इसमें उस अनुच्छेद  को हटा दिया गया जिसमें सिख कर्मचारियों को किसी भी हवाई अड्डे पर कृपाण लाने पर रोक लगाई गई थी.