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चमगादड़ ने पहले फैलाया कोरोना, अब वही लोगों को बचाएगा, शोधकर्ताओँ ने किया दावा, जानें कैसे

कोरोना संकट के बीच वैज्ञानिक ने दावा किया है कि चमगादड़ों से मनुष्‍यों में फैले कोरोना वायरस से अब चमगादड़ ही बचाएगा.

Updated on: 29 Apr 2020, 11:20 AM

नई दिल्ली:

(Coronavirus (Covid-19) : कोरोना के कहर के चलते पूरे विश्व में हाहाकार मचा है. लोगों की जिंदगी अस्त-व्यस्त हो गई है. इससे पार पाने के लिए किसी भी देश के लिए कोई इलाज (Treatment) नहीं है. इसके लिए पूरी दुनिया एड़ी-चोटी का दम लगा दिया है. महामारी (Coronavirus (Covid-19), Lockdown Part 2 Day 1, Lockdown 2.0 Day one, Corona Virus In India, Corona In India, Covid-19) के चलते मौत के आंकड़े कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. कोरोना संकट (Corona Crisis) के बीच वैज्ञानिक ने दावा किया है कि चमगादड़ों (BAT) से मनुष्‍यों में फैले कोरोना वायरस (Corona Virus) से अब चमगादड़ ही बचाएगा. आप शायद चिंतित हो गए होंगे कि यह कैसे संभव है. लेकिन वैज्ञानिकों (Scientist) ने दावा किया है तो इसमें संदेह की कोई गुंजाइश नहीं है.

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कोरोना वायरस आने का एक स्रोत चमगादड़ ही है

कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर काफी शोध हो चुका है. बताया जा रहा है कि मनुष्‍यों में इस कोरोना वायरस आने का एक स्रोत चमगादड़ ही है. चाइना के लोग चमगादड़ खाते हैं इसलिए वहां के लोगों में इसका वायरस पहुंचा और पूरी दुनिया भर में वुहान से ही कोरोना का वायरस फैला. पीटर डैसजैक की शोध ने लोगों के सामने उम्मीद की एक किरण जगी है. पी़टर डैसजैक 10 सालों में 20 से ज्यादा देशों में खतरनाक वायरस की खोज कर चुके हैं. पीटर से मिली जानकारी के अनुसार ये पता लगाया जाता है कि कौन सा वायरस इंसानों में फैल सकता है. ऐसा रिसर्च इसलिए किया जा रहा हैं ताकि कोरोना जैसी महामारी के लिए दुनिया को पहले से तैयार किया जा सके.

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चमगादड़ों के खून में कोरोना से लड़ने वाले एंटीबॉडीज मिले हैं

पीटर डैसजैक ने दावा किया कि चमगादड़ों के खून में कोरोना और उसके जैसे कई वायरसों से लड़ने वाले एंटीबॉडीज मिले हैं ये एंटीबॉडी चमगादड़ों को कोरोना जैसे कई वायरसों से लड़ने में मदद करते हैं. पीटर डैसजैक ने बताया कि इन्हीं एंटीबॉडी की मदद से कोविड-19 कोरोना वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन बनाया जा सकता है. इसके लिए वैज्ञानिकों को इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए काम करना चाहिए. उन्‍होंने दावा किया कि अगर वैज्ञानिक इस प्रकार से वैकसीन बनाने में कामयाब हो जाते हैं, तो कोरोनावायरस से इस मानवजाति को बचाया जा सकेगा.

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इस वायरस पर पहले कोई अध्‍धयन नहीं हुआ था

पीटर डैसजैक ने ये भी जानकारी साक्षा की कि कैसे केन्या में लोगों को कोरोना से बचने के लिए अपने घर में मौजूद छेद बंद करने की सलाह दी जा रही हैं. ये सलाह इसलिए दी जा रही है ताकि चमगादड़ घरों में न घुसें इतना ही कई जानवरों से वायरस फैल सकता है. इसलिए बिल्ली, ऊंट, पैंगोलिन और अन्य स्तनपायी जीवों जो इंसानों के आसपास रहते हैं, उनसे उपयुक्त दूरी और साफ-सफाई का बहुत अधिक ध्‍यान रखें. पीटर डैसजैक ने ये भी जानकारी साक्षा कि 2003 में सार्स से पहले कोरोना वायरस के बारे में ज्यादा अध्ययन नहीं हुआ, इससे पहले केवल दो तरह के वायरस के बारे में जानकारी थी. कोरोनावायरस हजारों सालों से चमगादड़ में मौजूद था लेकिन इस वायरस पर पहले कोई अध्‍धयन नहीं हुआ था. बता दें कि इबोला वायरस भी चमगादड़ों से ही इंसानों में आया था.