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अखिलेश सत्ता के लिए बौखलाये हुए हैं, यूपी में दहाई तक भी नहीं पहुंचेगी कांग्रेस : केंद्रीय मंत्री बी. एल. वर्मा

अखिलेश सत्ता के लिए बौखलाये हुए हैं, यूपी में दहाई तक भी नहीं पहुंचेगी कांग्रेस : केंद्रीय मंत्री बी. एल. वर्मा

Updated on: 28 Nov 2021, 01:45 PM

नई दिल्ली:

केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास और सहकारिता राज्य मंत्री बी.एल.वर्मा ने दावा किया है कि कांग्रेस यूपी में दहाई पर भी नहीं पहुंचने वाली है। आईएएनएस के साथ खास बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अखिलेश सत्ता के लिए बौखलाये हुए हैं लेकिन सत्ता इनको दूर-दूर तक हासिल होने वाली नहीं है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव , किसान आंदोलन , संसद के शीतकालीन सत्र , पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों के विकास और सहकारिता मंत्रालय के लक्ष्य के साथ-साथ अन्य कई मुद्दों पर आईएएनएस के वरिष्ठ सहायक संपादक संतोष कुमार पाठक ने केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास और सहकारिता राज्य मंत्री बी.एल.वर्मा से खास बातचीत की।

सवाल - उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव छोटे-छोटे दलों का गठबंधन बना कर आपके खिलाफ जातीय समीकरण साधने की कोशिश कर रहे हैं। अखिलेश की यह नई रणनीति भाजपा के लिए कितनी बड़ी चुनौती है ?

जवाब- अखिलेश यादव, चाहे जितने गठबंधन कर लें, चाहे जिस प्रकार के गठबंधन करे, उससे भाजपा पर कोई फर्क नहीं पड़ने जा रहा है। 2017 में भी उन्होने कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन किया था । 2019 लोकसभा चुनाव में भी उन्होने मायावती के साथ गठबंधन किया था लेकिन नतीजा क्या रहा, जनता ने दोनों चुनावों में उन्हे पूरी तरह से नकार दिया। 2017 में भाजपा ने 325 सीटों के प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई और 2019 लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को 80 में से 64 सीटों पर जीत हासिल हुई जबकि सपा सिर्फ 5 पर ही सिमट कर रह गई थी। अखिलेश सत्ता के लिए बौखलाये हुए हैं लेकिन सत्ता इनको दूर-दूर तक हासिल होने वाली नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में भाजपा की लहर चल रही है। केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार के कामकाज और भाजपा के मजबूत संगठन के बल पर हम 300 से ज्यादा सीटें हासिल कर फिर से प्रचंड बहुमत के साथ राज्य में सरकार बनाने जा रहे हैं।

सवाल - लेकिन दावा तो यह किया जा रहा है कि राष्ट्रीय लोकदल और सपा के साथ आने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा को बड़ा नुकसान होने जा रहा है क्योंकि किसान तो आपसे पहले ही नाराज है और टिकैत साहब भी इसी इलाके से आते हैं।

जवाब - किसान आंदोलन का पहले भी कोई असर नहीं था और अब प्रधानमंत्री जी द्वारा तीनों कानूनों को वापस लेने का ऐलान करने के बाद यह मुद्दा पूरी तरह से खत्म हो गया है ( हालांकि ये तीनों कानून किसानों के हित में ही लाए गए थे ) ।

सवाल - आप क्या यह कहना चाहते हैं कि किसान आंदोलन का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी कोई असर नहीं पड़ेगा ?

जवाब - पश्चिमी उत्तर प्रदेश हमेशा से भाजपा का गढ़ रहा है। किसानों की बात करें तो लघु और सीमांत किसानों ( जिनकी आबादी 92 प्रतिशत है ) का भरोसा पूरी तरह से प्रधानमंत्री मोदी पर बना हुआ है। किसान सम्मान निधि से लेकर 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए हमारी सरकार द्वारा चलाई जा रही तमाम योजनाओं के बारे में किसानों को पता है और वो पहले भी भाजपा के साथ थे , अभी भी साथ हैं और आगे भी साथ रहेंगे। प्रदेश में हुए पंचायत , जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव ने भी यह बता दिया था कि गांव का किसान भाजपा के साथ है।

सवाल - प्रियंका गांधी ने महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए बड़ा दांव खेलते हुए यूपी विधान सभा चुनाव में 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देने की घोषणा की है । भाजपा पर इसका क्या असर पड़ेगा ?

जवाब - प्रियंका गांधी को यह भी बताना चाहिए कि उन्होने हाल ही में राजस्थान में कितनी महिलाओं को मंत्री बनाया है ? उनके बाकी राज्यों में महिलाओं के लिए क्या-क्या किया गया है ? यह भी बताना चाहिए। उन्हे मालूम है कि वो उत्तर प्रदेश में नहीं आ रही है इसलिए वो कुछ भी बोल सकती हैं। मैं आपको बता दूं कि कांग्रेस यूपी में दहाई पर भी नहीं पहुंचने वाली है।

सवाल - तो उत्तर प्रदेश में भाजपा का मुकाबला आखिर किससे है ?

जवाब - मुकाबला तब माना जाता है जब कोई बराबर का हो । यहां तो हम 300 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल कर फिर से प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं। इसलिए हमारे साथ मुख्य मुकाबले में कोई नहीं है। विरोधी दल आपस में दूसरे और तीसरे नंबर की लड़ाई लड़ रहे हैं।

सवाल - लेकिन अखिलेश यादव तो उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले ओबीसी समुदाय का मुद्दा लगातार उठा रहे हैं , आपकी सरकार पर जातिगत जनगणना नहीं कराने का आरोप भी लगा रहे हैं।

जवाब - जब केंद्र में कांग्रेस की सरकारों को ये समर्थन देते रहे तब तो इन्होने ओबीसी के बारे में कुछ सोचा नहीं , कुछ किया नहीं और कुछ बोले नहीं। अब ये कुछ भी कहते रहे लेकिन जनता सब जानती है। मोदी सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया। नीट में ओबीसी समुदाय के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था को लागू करवाया। मोदी सरकार में आज ओबीसी समुदाय के 27 मंत्री काम कर रहे हैं । देश के अब तक के इतिहास में ओबीसी समाज के इतने मंत्री किसी भी सरकार में नहीं बनाए गए थे।

सवाल - उत्तर प्रदेश चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा क्या होने जा रहा है ?

जवाब - हमने न्याय सबको और तुष्टिकरण किसी का नहीं की नीति के तहत घर-घर तक प्रदेश और केंद्र सरकार की योजनाओं को पहुंचाने का काम किया है। कानून व्यवस्था को पूरी तरह से ठीक किया है। राम मंदिर को लेकर हमारे विरोधी हम पर कटाक्ष किया करते थे कि रामलला हम आएंगे लेकिन तारीख नहीं बताएंगे। लेकिन हमने न सिर्फ तारीख बताई बल्कि शिलान्यास कर भव्य राम मंदिर का निर्माण भी शुरू कर दिया।

सवाल - संसद के शीतकालीन सत्र में विरोधी दलों ने सरकार को घेरने की जबरदस्त तैयारी कर ली है। विपक्ष मंहगाई ,किसानों के मुद्दें और देश की सुरक्षा सहित कई मुद्दों पर आपकी सरकार पर हमला करने की तैयारी में है। इसे लेकर आप लोगों की क्या रणनीति है?

जवाब - जहां तक मंहगाई का सवाल है , यह सबको पता है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमत का असर इस पर पड़ता है लेकिन इसके बावजूद हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी ने और हमारे सभी मुख्यमंत्रियों ने अपनी तरफ से जनता को राहत देने का प्रयास किया है लेकिन अन्य दलों की कई सरकारों ने ऐसा नहीं किया है, उन्हे भी ऐसा करना चाहिए। कुछ किसानों की भावना का सम्मान करते हुए हम तीनों कानूनों को भी वापस लेने जा रहे हैं, जबकि ये कानून किसानों के हित के लिए लाए गए थे। जहां तक देश की सुरक्षा का सवाल है , मनीष तिवारी की किताब से यह साफ हो गया कि 26/11 के आतंकी हमले के समय इन्होने क्या किया था । जबकि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने पाकिस्तान के घर में घुसकर उन्हे मुंहतोड़ जवाब दिया, सबक सिखाने का काम किया। विरोधी दल सिर्फ तुष्टिकरण की राजनीति करते रहे हैं। इन्होने संविधान दिवस का बहिष्कार कर बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान करने का भी काम किया है। इन्हे परिवारों की राजनीति करने से ही फुर्सत नहीं है। इनको संविधान और संवैधानिक मयार्दाओं की भी कोई चिंता नहीं है।

सवाल - आप पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री के तौर पर कार्य कर रहे हैं। 2014 में सत्ता संभालने के बाद से ही प्रधानमंत्री मोदी लगातार पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की बात कहते रहे हैं । विकास की यह धारा कहां तक पहुंची है ?

जवाब - पूर्वोत्तर भारत के राज्यों का विकास 2014 से ही प्रधानमंत्री मोदी की प्राथमिकता में रहा है। उन्ही के निर्देश के मुताबिक इस क्षेत्र में रहने वाले साढ़े 3 प्रतिशत आबादी के विकास के लिए भारत सरकार का हर मंत्रालय अपने बजट का 10 प्रतिशत पूर्वोत्तर राज्यों में खर्च कर रहा है। इस वर्ष भी पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के लिए सभी मंत्रालयों से 68,500 करोड़ रुपये की राशि आई है। भारत सरकार के 13 से 15 मंत्री हर महीने पूर्वोत्तर राज्यों के दौरे पर जाते हैं। आने वाले समय में भी हमारी कोशिश इन राज्यों में चल रही विकास की तमाम परियोजनाओं को समय पर पूरा करने की है। इससे वहां की जनता बहुत खुश है।

सवाल - देश में पहली बार सहकारिता के लिए अलग से मंत्रालय बनाया गया है और इस मंत्रालय में तो आप अमित शाह के साथ राज्य मंत्री के तौर पर काम कर रहे हैँ।

जवाब - प्रधानमंत्री मोदी इस बात के लिए वाकई बधाई के पात्र हैं कि उन्होने सहकारिता मंत्रालय बनाने का काम किया और इस मंत्रालय को अमित शाह जी को सौंपा जो कड़े और बड़े निर्णय लेने के लिए जाने जाते हैं। हमारी कोशिश है कि सहकारिता के क्षेत्र में मौजूद कमियों को दूर किया जाए ताकि यह क्षेत्र भारत को 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण योगदान निभा सके। सहकारिता के माध्यम से गरीबी और बेरोजगारी दूर करने के साथ-साथ लोगों की आमदनी बढ़ाने पर भी खास फोकस किया जा रहा है।

-- आईएएनएस

एसटीपी/आरजेएस

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