भारत में बांगलादेश से लगातार हो रही घुसपैठ को लेकर भारत के सेना प्रमुख बिपिन रावत ने पाकिस्तान और चीन पर निशाना साधा है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान और चीन हमारे देश के उत्तर-पूर्व हिस्से को जान-बूझकर अशांत रखना चाहते हैं। यह दोनो पड़ोसी देशों की 'छद्म युद्ध' की नीति है।
जनरल रावत उत्तर-पूर्व में भारत की रक्षा चुनौतियों पर आयोजित एक सेमिनार में बोल रहे थे। जनरल रावत ने कहा कि देश में जनसंघ का विस्तार उतनी तेज़ गति से नहीं हुआ, जितनी तेज़ गति से असम में एआईयूडीएफ का विस्तार हुआ है।
गौरतलब है कि असम में एयूडीएफ मुस्लिमों के मुद्दे उठाती रही है, जिन्हें बड़ी संख्या में बांग्लादेश से आया समझा जाता है।
उत्तर पूर्व में बांग्लादेश से लोगों के आने की बात पर आर्मी चीफ ने बताया, 'यह दो कारणों से हो रहा है। पहला कारण यह है कि वहां पर जगह की कमी है। क्योंकि वहां का एक बड़ा हिस्सा बाढ़ से प्रभावित रहता है और रहने के लिए जगह की कमी होती जा रही है।'
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आगे उन्होंने कहा, 'दूसरा कारण है कि उन इलाक़ों में पश्चिमी क्षेत्रों की षड्यंत्र के तहत भी लोगों का पलायन कराया जा रहा है। उनकी हमेशा यही कोशिश रहती है कि इन इलाक़ों पर कैसे हावी रहा जा सके।'
हालांकि जब उनसे समाधान पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'उत्तर पूर्व की समस्याओं का समाधान वहां के लोगों को देश की मुख्यधारा में लाकर विकास करने से मुमकिन है। हमें सभी लोगों के साथ मिलकर रहना सीखना होगा, चाहे वे किसी जाति, धर्म, लिंग आदि से हों। अगर हम लोगों को अलग करने लगे तो समस्या बढ़ेगी।
पूर्वोत्तर से देश के संपर्क मार्ग यानी सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर नौसेना प्रमुख ने कहा कि चीन से मतभेदों के बावजूद अनेक दशकों से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शान्ति बरकरार रही है।
इसके अलावा डोकलाम पर बोलते हुए उन्होंने कहा, 'चिंता करने की कोई बात नहीं है, वहां की स्थिति काफी अच्छी है।'
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Source : News Nation Bureau