बांग्लादेश स्वतंत्रता दिवस रविवार को असम और त्रिपुरा में भी मनाया गया। इन दोनों भारतीय राज्यों में कई समारोह और कार्यक्रम हुए। ये राज्य पड़ोसी देश के साथ सीमा साझा करते हैं।
गुवाहाटी और अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग ने इस दिन को मनाने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया। बांग्लादेश और भारत दोनों के प्रसिद्ध गायकों सहित कलाकारों ने समारोह में प्रस्तुतियां दीं।
बांग्लादेश स्वतंत्रता दिवस और राष्ट्रीय दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए विचार-विमर्श किया गया। बांग्लादेश 26 मार्च को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है, इस दिन यहां राष्ट्रीय अवकाश होता है।
यह दिन 25 मार्च 1971 के शुरुआती घंटों में पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी की घोषणा की याद दिलाता है। इस अवसर पर सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच सीमा पर चौकियों पर बॉर्डर गार्डस बांग्लादेश के साथ मिठाइयों का आदान-प्रदान किया और एक दूसरों को शुभकामनाएं दीं।
पाकिस्तानी सेना द्वारा बांग्लादेश में हमले शुरू करने के कुछ दिनों बाद पूर्वी पाकिस्तान के नेताओं ने 26 मार्च 1971 को स्वतंत्रता का ऐलान किया। बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान ने तत्कालीन पाकिस्तानी शासकों के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध शुरू किया।
आजादी युद्ध बाद में एक पूर्ण पैमाने पर भारत-पाकिस्तान युद्ध में बदल गया, जिसके कारण 16 दिसंबर 1971 को ढाका में 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया। भारत बांग्लादेश को एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में मान्यता देने वाला पहला देश था।
बांग्लादेशी स्वतंत्रता सेनानियों और विशेषज्ञों के अनुसार, पाकिस्तानी सेना ने बंग मुक्ति संग्राम के 9 महीनों (26 मार्च से 16 दिसंबर, 1971) के दौरान, बच्चों सहित 30 लाख से अधिक बांग्लाभाषी लोगों का संहार किया और 6 लाख से अधिक महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया।
उस अवधि के दौरान 1 करोड़ से अधिक परिवार अपने पुश्तैनी घरों और जमीनों से विस्थापित हुए थे।
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Source : IANS