तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष बंदी संजय कुमार ने गुरुवार को दावा किया कि सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के 12 विधायक भगवा पार्टी में शामिल होने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने भोंगिर में संवाददाताओं से कहा कि मुनुगोड़े की तरह कई विधानसभा क्षेत्रों में भी उपचुनाव होंगे।
वह कांग्रेस पार्टी से कोमातीरेड्डी राजगोपाल रेड्डी के हालिया इस्तीफे का जिक्र कर रहे थे। विधायक ने यह भी घोषणा की कि वह विधानसभा से भी इस्तीफा दे देंगे।
राजगोपाल रेड्डी पहले ही संकेत दे चुके हैं कि वह भाजपा में शामिल होंगे और फिर से चुनाव लड़ेंगे।
बंदी संजय ने दावा किया कि टीआरएस के कुछ विधायक सत्तारूढ़ दल से इस्तीफा देने की तैयारी कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि टीआरएस सरकार में उनका कोई भविष्य नहीं है। उन्होंने कहा, लोगों में सत्ता विरोधी लहर है और टीआरएस के कुछ विधायक पार्टी छोड़ने को तैयार हैं।
राज्य भाजपा प्रमुख ने दावा किया कि टीआरएस विधायक भाजपा में शामिल होने के लिए आगे आ रहे हैं, क्योंकि उन्हें पता चल गया है कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और उनके परिवार का विरोध हो रहा है।
संजय, (जो एक सांसद भी हैं) ने यह भी दावा किया कि टीआरएस विधायकों के पास अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में लोगों के दबाव के कारण इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने विश्वास जताया कि जब भी चुनाव होंगे, राज्य में भाजपा सत्ता में आएगी। उन्होंने दावा किया कि सर्वेक्षणों से पता चलता है कि भाजपा चुनावों में जीत हासिल करेगी।
उन्होंने कहा, अगर तेलंगाना में आज चुनाव होते हैं, तो भाजपा 47 से 53 फीसदी वोट शेयर के साथ 62 सीटें जीतेगी।
उन्होंने कहा कि टीआरएस सरकार के प्रति जनता का बढ़ता विरोध भाजपा के अनुमानित वोट शेयर को और मजबूत करेगा।
संजय ने बताया कि भाजपा ने अब तक चार में से दो उपचुनाव जीते हैं। उन्होंने कहा कि मुनुगोड़े सीट पर उपचुनाव राज्य के भविष्य की दिशा तय करेगा।
भाजपा, (जिसने 2018 में 119 सदस्यीय विधानसभा में केवल एक सीट हासिल की थी) ने 2020 में हुए उपचुनाव में टीआरएस से दुब्बाका विधानसभा सीट छीन ली थी। यह सीट सत्तारूढ़ दल के एक मौजूदा विधायक के निधन के कारण खाली हुई थी।
पिछले साल हुजूराबाद सीट पर भी भाजपा ने जीत हासिल की थी। भूमि अतिक्रमण के आरोपों के बाद मुख्यमंत्री द्वारा राज्य मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद एटाला राजेंद्र के इस्तीफे के कारण उपचुनाव हुआ था। राजेंद्र बाद में भगवा पार्टी में शामिल हो गए और उपचुनाव जीत गए।
दो जीत के बाद भाजपा राज्य में सत्ता पर काबिज होने के लिए आक्रामक हो गई है। बंदी संजय वर्तमान में अपनी प्रजा संग्राम यात्रा का तीसरा चरण शुरू कर रहे हैं।
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Source : IANS