बीएचयू पीएचडी कर रहे छात्रों को विश्वविद्यालय में पढ़ाने का मौका देने जा रहा है। यह पहली बार है जब थीसिस जमा करने वाले बीएचयू के चयनित पीएचडी छात्रों को 12 महीने की टीच फॉर बीएचयू फेलोशिप मिलेगी। इसके तहत छात्रों को हर महीने 40,000 रुपये फेलोशिप व एचआरए का प्रावधान है।
बीएचयू के कुलपति प्रोफेसर सुधीर जैन की अध्यक्षता में हुई इन्सटिट्यूशन ऑफ एमिनेंस गवनिर्ंग बॉडी में इस योजना को मंजूरी दी गई है। बीएचयू का कहना है कि इससे पीएचडी के छात्रों को स्वयं को भविष्य के लिए तैयार करने में मदद मिलेगी। छात्रों को इन 12 महीनों के दौरान विश्वविद्यालय में, संबद्ध महाविद्यालयों अथवा विद्यालयों, नजदीकी ऐसे स्कूलों जहां वंचित वर्गों के बच्चे पढ़ने जाते हैं, में पढ़ाने का मौका मिलेगा। गौरतलब है कि भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस का दर्जा प्राप्त है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य ऐसे चयनित छात्रों को अवसर प्रदान करना है, जो अपनी थीसिस जमा करने के बाद के समय का सकारात्मक प्रयोग करना चाहते हैं। फेलोशिप के दौरान शिक्षण गतिविधियों में शामिल होने से छात्रों को अपनी नेतृत्व क्षमता, लोक प्रबंधन तथा परियोजना प्रबंधन के अपने कौशल को और बेहतर करने का मौका मिलेगा, जो उन्हे आमतौर पर नहीं मिल पाता। जिन छात्रों ने पीएडी में प्रवेश की तिथि के 6 वर्ष के भीतर (पंजीकरण की तिथि नहीं) अपनी थीसिस जमा कर दी है, वे इस फेलोशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं। विद्यार्थी अपनी थीसिस जमा करने या उसकी संभावित तारीख के 6 महीने पहले आवेदन कर सकते हैं। चयनित विद्यार्थियों को फेलोशिप की अवधि में 40,000 रुपये प्रतिमाह तथा 6000 रुपये एचआरए दिया जाएगा।
इस योजना के कार्यान्वयन के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। प्रो. एस. के. सिंह, शिक्षा संकाय, इस समिति के समन्वयक होंगे। प्रो. ए. के. सिंह, भूगोल विभाग, महिला महाविद्यालय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, तथा प्रो. सत्यपाल शर्मा, हिन्दी विभाग, समिति के अन्य दो सदस्य हैं। योजना के लिए आवेदन आईओई प्रकोष्ठ में भेजे जाएंगे।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS