एनईपी जिन बदलावों की बात करती है उन्हें केन्द्र में रख महामना ने 106 वर्ष पूर्व की थी बीएचयू की स्थापना
एनईपी जिन बदलावों की बात करती है उन्हें केन्द्र में रख महामना ने 106 वर्ष पूर्व की थी बीएचयू की स्थापना
नई दिल्ली:
बीएचयू का कहना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलावों की जो भी बातें हम देखते हैं, वे वहीं हैं जिन्हें केन्द्र में रख कर महामना जैसे दूरदर्शी व्यक्तित्व ने 106 वर्ष पूर्व इस विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। महामना चाहते थे कि बीएचयू अच्छे नागरिक तैयार करे, न कि सिर्फ विषय विशेषज्ञ।विश्वविद्यालय के 28वें कुलपति के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद ये पहली बार कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन विश्वविद्यालय के शिक्षकों से एक साथ संवाद कर रहे थे। इसी संवाद के दौरान उन्होंने यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि हम सब ये मंथन करें कि क्या हम महामना की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए वास्तव में ईमानदारी के काम कर रहे हैं।
अपनी योजना व मिशन साझा करते हुए प्रो. जैन ने आह्वान किया कि विश्वविद्यालय को आगे ले जाने के उनके प्रयासों में शिक्षक उनके साझीदार बनें।
विश्वविद्यालय के संस्थापक महामना पंडित मदन मोहन मालवीय को याद करते हुए प्रो. जैन ने कहा कि हम सिर्फ महामना के जीवन व आदशरें को याद न करते रहें, बल्कि उनके सपने को साकार करने के लिए जी जान से कार्य करें, जैसा महामना की अपेक्षा थी।
प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा कि किसी भी शैक्षणिक संस्थान की उन्नति के लिए तीन बातें अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। प्रतिभावान लोगों का संस्थान से जुड़ना, उन्हें प्रगति व उन्नति के लिए संसाधन उपलब्ध कराना तथा उनके उत्साहवर्धन व प्रोत्साहन के लिए स्वस्थ वातावरण देना। उन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों के बीच पारस्परिक विश्वास व सम्मान को और सशक्त करने की अपील की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय तथा विद्यार्थियों के हित में काम कर रहे शिक्षकों को सहयोग करने के लिए वे सदैव उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि वे तभी प्रभावी रूप से कार्य कर सकते हैं जब उन्हें विश्वविद्यालय के शिक्षकों का पूर्ण सहयोग व समर्थन मिले।
प्रो. जैन ने विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यपद्धति को और सरल, सुलभ व प्रभावी बनाने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों की भी चर्चा की, ताकि शिक्षण व शोध का बहुमूल्य समय प्रशासनिक अड़चनों में व्यर्थ न हो।
उन्होंने कहा कि छात्रों व शिक्षकों के व्यापक हित के मद्देनजर नियमों को लचीला तो बनाया जा सकता है, लेकिन ये अत्यंत महत्वपूर्ण है कि हम सभी नियमों का गंभीरता से पालन करें। उन्होंने इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस के अंतर्गत विद्यार्थियों व शिक्षकों के हित में आरंभ की गई योजनाओं की चर्चा करते हुए बताया कि आने वाले दिनों में और भी नई पहल की जाएंगी।
कुलपति ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की विशेषताओं की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि चाहे विश्वविद्यालय की विशालता हो, यहां के लोगों की प्रतिभा हो, विषयों की विविधता अथवा पूर्व छात्र, ये खासियतें बीएचयू को अपने आप में अनूठा बनाती हैं। उन्होने कहा कि हमारी चुनौतियां देश के अन्य विश्वविद्यालयों के समान हो सकती हैं, लेकिन हमारे जैसी विशेषताएं किसी और विश्वविद्यालय के पास नहीं हैं, इसलिए हम विकास की राह पर आगे बढ़ने के लिए औरों की अपेक्षा अधिक सक्षम हैं।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें