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हिजाब पर रोक कुरान पर पाबंदी के समान, शुक्रवार-रमजान पर मिले छूट: याचिकाकर्ता के वकील

वकील ने अदालत में यह भी कहा कि शैक्षणिक संस्थाओं में हिजाब पहनने को लेकर उपजे विवाद से स्टूडेंट्स का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है. एडवोकेट विनोद कुलकर्णी ने कोर्ट से यह आग्रह किया

Updated on: 18 Feb 2022, 12:01 AM

highlights

हिजाब विवाद में नया मोड़

याचिकाकर्ताओं ने मांगी अदालत से खास छूट

शुक्रवार के साथ रमजान महीने में भी मिले छूट

बेंगलुरु:

हिजाब मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस बीच याचिकाकर्ताओं की तरफ से पैरवी कर रहे ए़डवोकेट विनोद कुलकर्णी ने हाई कोर्ट में दलील दी है कि हिजाब पर बैन लगाया कुरान पर बैन लगाने के समान है. उन्होंने हाई कोर्ट से मांग की है कि वो ऐसा आदेश पारित करें, जिसमें छात्राओं को शुक्रवार के साथ ही पूरे रमजान महीने में हिजाब पहनने की अनुमित दी जाए. ऐसा दावा कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में किया गया है. 

विवाद की वजह से मानसिक स्वास्थ्य पर असर

याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट में दलील पेश कर रहे सीनियर एडवोकेट विनोद कुलकर्णी ने तर्क दिया है कि हिजाब को प्रतिबंधित करना कुरान पर प्रतिबंध लगाने के समान है. इससे छात्राओं पर बुरा असर पड़ रहा है. वकील ने अदालत में यह भी कहा कि शैक्षणिक संस्थाओं में हिजाब पहनने को लेकर उपजे विवाद से स्टूडेंट्स का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है. एडवोकेट विनोद कुलकर्णी ने कोर्ट से यह आग्रह किया कि छात्राओं को कम से कम शुक्रवार और रमजान के पवित्र महीने में हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए, क्योंकि इस्लाम में शुक्रवार और रमजान का विशेष महत्व है.