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मप्र में साढे 4 हजार हेक्टेयर में बांस का रोपण

मप्र में साढे 4 हजार हेक्टेयर में बांस का रोपण

Updated on: 29 Aug 2021, 08:40 PM

भोपाल:

मध्य प्रदेश में बांस रोपण को प्रोत्साहित किया जा रहा है। चालू वित्तीय वर्श में लगभग साढे चार हजार हेक्टेयर में बांस के रोपण का लक्ष्य तय किया गया है। बीते वर्ष साढ़े तीन हजार हेक्टेयर में ही बांस का रोपण किया गया था।

वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा कि, प्रदेश के किसानों को कम मेहनत और कम रिस्क में ज्यादा लाभ दिलाने के लिए वन विभाग द्वारा बाँस की फसल को प्रोत्साहित किए जाने के साथ ही अनुदान दिया जा रहा है, जिससे किसान को समृद्ध बनाया जा रहा है।

वन मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि म.प्र. राज्य बाँस मिशन बोर्ड द्वारा पिछले वित्तीय वर्श में 3597 किसानों द्वारा 3520 हेक्टेयर क्षेत्र में बाँस रोपण किया गया। इन किसानों को तकरीबन सात करोड़ 20 लाख रुपए का अनुदान उपलब्ध कराया गया। स्व-सहायता समूहों को आत्म-निर्भर बनाने के मकसद से 83 स्व-सहायता समूहों द्वारा मनरेगा में 1020 हेक्टेयर क्षेत्र में रोपण किया गया।

वन मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि चालू वित्तीय साल में तीन हजार से ज्यादा किसानों द्वारा 4443 हेक्टेयर क्षेत्र में बाँस रोपण किया जा रहा है। इसके लिए 10 करोड़ 60 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा। इसी तरह पिछले साल में इस साल 46 और स्व-सहायता समूहों को जोड़ा गया है। इस तरह कुल 129 स्व-सहायता समूहों द्वारा 2428 हेक्टेयर क्षेत्र में बाँस रोपण किया जा रहा है।

बांस की खेती फायदेमंद है क्योंकि एक तरफ जहां बांस और उसकी पत्तियां उपयोग में आती है तो वहीं बाँस की कतारों के बीच में मिर्च, शिमला मिर्च, अदरक और लहसुन की फसल उगाई जा सकती है। बाँस की कतार में इन फसलों में पानी कम लगता है और गर्मी में विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है जिससे अच्छा उत्पादन हो जाता है।

बताया गया है कि राज्य में बाँस की खेती करने पर हितग्राही को प्रति पौधा 120 रुपए का अनुदान तीन वर्ष में मिलता है। पहले साल 60 रुपए, दूसरे साल 36 रुपए और तीसरे साल 24 रुपए का अनुदान मिलता है। इसके पीछे मकसद बांस की खेती को प्रोत्साहित कर किसानों को समृद्ध बनाना है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.