भारत में पंचायती राज की अवधारणा प्राचीन कॉल से हैं. चंद्रगुप्त काल में बिहार के वैशाली में भी पंचायत का उल्लेख है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के मार्गदर्शन पर ही भारत में पंचायती राज का गठन और उसकी अवधारणा आधारित है. बलवंत राय मेहता ने महात्मा गांधी जी के सपनों को पूरा किया. बलवंत राय मेहता कमेटी ने केंद्र सरकार से पंचायती राज के त्रिस्तरीय मॉडल लागू करने की सिफारिश की थी. देशभर में पिछले दिनों अखिल भारतीय पंचायत परिषद के संस्थापक बलवंत राय मेहता की जयंती धूमधाम मनाई गई है.
राष्ट्रीय कार्यालय मयूर विहार में राष्ट्रीय अध्यक्ष अध्यक्ष सुबोध कांत सुबोध कांत सहाय के नेतृत्व में अखिल भारतीय पंचायत परिषद की कार्यसमिति एवं महासमिति बैठक हुई. इस दौरान उन्होंने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित की. उहोंने कहा कि जब ग्राम पंचायत मजबूत होगी तभी देश के लास्ट लोगों तक विकास पहुंचेगा और तब ही देश मजबूत होगा.
सुबोध कांत सहाय ने कहा कि यह देशव्यापी मंथन पंचायत सशक्तिकरण के लिए हो रहा है. बैठक में राज्यों से आए लोगों द्वारा पंचायतों को मजबूत करने के लिए मिलने वाले सुझाव के आधार पर ही पंचायत परिषद की टीम काम करेगी. जरूरतों के अनुसार, परिषद का प्रतिनिधिमंडल पंचायतों में जाकर ट्रेनिंग और जागरूरकता कार्यक्रम चलाएगा. आरके सिन्हा ने कहा कि पंचायती राज के त्रिस्तरीय मॉडल को बनाने में बलवंत राय मेहता का अहम योगदान है.
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उन्होंने कहा कि बलवंत राय मेहता की सिफारिश पर कानून तो बन गया है, लेकिन उसका क्रियान्वयन होना अभी बाकी है. इस मौके पर राज्य सभा के पूर्व सदस्य डेबा प्रसाद राय ने कहा कि पंचायतों में त्रिस्तरीय मॉडल को लागू करने के लिए 73वां संविधान संसोधन किया गया था, उसका उद्देश्य अभी पूरा नहीं हुआ है. आज भी राज्यों के भरोसे पर ही गांव की सरकारें चल रही हैं.
Source : News Nation Bureau