कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले लिंगायत समुदाय तक पहुंचकर सभी को हैरान कर दिया। हालांकि, राजनीतिक गलियारों में यह सवाल बरकरार है कि क्या वह लिंगायत वोट बैंक को कांग्रेस की ओर झुका पाएंगे और उसे सत्ता में ला पाएंगे?
लिंगायतों के बीच उनकी पहुंच पर इतना जोर क्यों दिया जाता है? लिंगायत नेताओं, पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार और पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी तक उनकी पहुंच और आरोपों से भाजपा क्यों तिलमिला गई है? केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, स्मृति ईरानी, धर्मेंद्र प्रधान व भाजपा के अन्य राष्ट्रीय नेता चुनावों में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए शहरों तक क्यों पहुंच रहे हैं?
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक बी. समीलुल्ला ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया कि यह सब कर्नाटक में कांग्रेस के पक्ष में पांच फीसदी वोट स्विंग करने को लेकर हो रहा है।
पिछले विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस को 38 प्रतिशत वोट शेयर मिला था। भाजपा को 36 प्रतिशत वोट मिले, लेकिन यह अधिक सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। जद (एस) को 18 प्रतिशत वोट मिले थे। अब नया वोट बैंक बनाने वाले राष्ट्रीय दलों की जीत होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, कांग्रेस को करीब 5 फीसदी वोटों की उम्मीद है। इसके लिए पार्टी को नए वोट हासिल करने होंगे।
उन्होंने आईएएनएस से कहा, लिंगायत नेताओं के भाजपा से बाहर निकलने के घटनाक्रम के साथ, कांग्रेस को लिंगायत वोटों के 3 फीसदी और वोक्कालिगा वोटों के 2 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है। अगर कांग्रेस इसे प्रबंधित करती है, तो उसके पास बहुमत होगा।
यह अच्छी तरह से जानने के बाद, राहुल गांधी की कुडाल संगमा की यात्रा की योजना है, जहां 12वीं सदी के सुधारक बासवन्ना की समाधि स्थित है। उधर, शेट्टार ने आवाज उठानी शुरू कर दी कि लिंगायतों को बीजेपी में दरकिनार कर दिया गया है, इस पृष्ठभूमि में राहुल की यात्रा महत्व रखती है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी का भाजपा पर तीखा हमला और उसकी विचारधारा बसवन्ना के विपरीत बताने का उद्देश्य कांग्रेस को पांच फीसदी स्विंग वोट हासिल करना है।
कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने यह भी कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और अन्य केंद्रीय नेता राज्य के कोने-कोने में शहरों में लोगों से इसलिए संपर्क कर रहे हैं, ताकि कांग्रेस को अतिरिक्त वोट स्विंग होने से रोका जा सके।
भगवा पार्टी शेट्टार को निशाना बना रही है और उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मजबूर कर रही है।
समीउल्ला ने बताया कि भाजपा सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है और जातिगत कारक उसके पक्ष में काम नहीं करेगा।
कांग्रेस लीगल सेल के सचिव सूर्यमुकुंद राज ने आईएएनएस को बताया कि राहुल गांधी के प्रयासों से लिंगायत समुदाय के प्रगतिशील लोग कांग्रेस की ओर आकर्षित होंगे।
राज कहते हैं कि लिंगायत समुदाय अब भी पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के साथ खड़ा है, लेकिन कांग्रेस के लिए राज्य में 5 प्रतिशत अतिरिक्त वोट हासिल करना आसान है।
उन्होंने कहा, पिछले विधानसभा चुनाव कांग्रेस 20 से अधिक सीटें 2,500 से 3,000 मतों के अंतर से हार गईं, विशेष रूप से कल्याण कर्नाटक क्षेत्र में। लेकिन इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार विजयी होंगे। खनन दिग्गज से राजनेता बने जनार्दन रेड्डी का कारक भी भाजपा के खिलाफ काम करेगा।
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Source : IANS