बलवीर गिरि होंगे महंत नरेंद्र गिरि के उत्तराधिकारी, जानें कौन हैं वो
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) से जुड़ी बड़ी खबर आई है. बलवीर गिरि (Balbir Giri) महंत नरेंद्र गिरि के उत्तराधिकारी (Successor) होंगे. वो तकरीबन 15 साल पुराने शिष्य हैं.
highlights
- महंत ने अपनी वसीयत में बलबीर गिरि को उत्तराधिकारी घोषित किया
- महंत नरेंद्र गिरि के सबसे प्रिय शिष्यों में एक थे बलबीर गिरी
- आनंद गिरि के निष्कासन के बाद बलबीर नंबर दो की हैसियत रखते थे
नई दिल्ली:
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) से जुड़ी बड़ी खबर आई है. बलवीर गिरि (Balbir Giri) महंत नरेंद्र गिरि के उत्तराधिकारी (Successor ) होंगे. वो तकरीबन 15 साल पुराने शिष्य हैं. महंत नरेंद्र गिरि ने बलबीर गिरि को हरिद्वार आश्रम का प्रभारी बनाया हुआ था. महंत नरेंद्र गिरी ने अपनी वसीयत में बलबीर गिरि को उत्तराधिकारी घोषित किया है. आनंद गिरि और बलवीर गिरि दोनों तकरीबन एक ही समय में महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य बने थे, लेकिन बलबीर गिरि सबसे प्रिय शिष्यों में एक थे.
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आनंद गिरि के निष्कासन के बाद बलबीर गिरि ही नंबर दो की हैसियत रखते थे. सीएम योगी आदित्यनाथ के आने पर बलवीर गिरि ही उनके ठीक बगल में बैठे थे. अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद और पंच परमेश्वर ने भी मंगलवार को बलवीर गिरि को अपना आशीर्वाद दिया है. गुरुवार को महंत नरेंद्र गिरि का अंतिम संस्कार होने के बाद बलबीर गिरि के नाम का औपचारिक ऐलान किया जाएगा. बलबीर गिरि आज लगातार उसी कमरे में बैठे हुए हैं, जिसमें महंत नरेंद्र गिरि का पार्थिव शरीर रखा हुआ है.
आपको बता दें कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के सोमवार शाम को कथित तौर पर आत्महत्या करने की घटना ने कई सवालों को जन्म दे दिया है. आत्महत्या से भी कहीं अधिक उनके द्वारा छोड़े गए कथित सुसाइड नोट ने कुछ अनुत्तरित सवाल पीछे छोड़ दिए हैं, जिनके उत्तर तलाशना जरूरी है. लगभग 6 पृष्ठों के सामने आ रहे सुसाइड नोट से पता चलता है कि महंत बहुत परेशान थे, लेकिन यह नोट स्पष्ट रूप से उन घटनाओं का उल्लेख नहीं करता है, जिन्होंने उन्हें यह चरम कदम उठाने के लिए प्रेरित किया.
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महंत ने कहा है कि वह अपने अलग हुए शिष्य आनंद गिरि और हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी के कारण परेशान थे, लेकिन उन्होंने विस्तार से नहीं बताया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, महंत ने इन तीनों से संबंधित विशिष्ट घटनाओं के बारे में कुछ भी नहीं कहा है, जिससे वह बहुत परेशान थे. हम उन तीनों से अलग-अलग पूछताछ कर रहे हैं, जिन्होंने दिवंगत संत को परेशान किया.
पुलिस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सुसाइड नोट का खुलासा करने में बेहद सतर्कता बरत रही है. इसके अलावा, नोट की सत्यता पर भी सवाल उठाया गया है, क्योंकि संत के करीबी लोगों ने कहा है कि वह एक या दो वाक्य से आगे लिखने में माहिर नहीं थे. यहां तक कि आरोपी आनंद गिरी ने भी कहा है कि उन्हें फंसाने के लिए सुसाइड नोट छोड़ा गया है.
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