आम आदमी पार्टी (आप) ने रविवार को रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को 2 जून को हुए ओडिशा ट्रेन हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उनके इस्तीफे की मांग की। इस हादसे में 270 से अधिक लोग मारे गए हैं।
आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि सिग्नल रखरखाव प्रणाली में खराबी के बारे में विभिन्न क्षेत्रों से कई शिकायतें की गई थीं, लेकिन मुद्दों को सुधारने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
उन्होंने कहा, यह सुरक्षा चिंताओं को दूर करने में सरकार की उदासीनता और जवाबदेही की कमी को उजागर करती है।
प्रियंका ने कहा कि आप के राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक, जो रेलवे संबंधी संसदीय स्थायी समिति के सदस्य भी हैं, ने हाई-स्पीड ट्रेन संचालन के लिए पटरी से उतरने से रोकने वाले उपकरणों की स्थापना और पटरियों के उन्नयन का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का ध्यान सिर्फ वंदे भारत परियोजना पर रहा।
प्रियंका कक्कड़ ने कहा, 8 फरवरी को रेलवे के प्रिंसिपल चीफ ऑपरेशन मैनेजर द्वारा जारी एक एडवाइजरी में सरकार से बेंगलुरु-दिल्ली लाइन पर दुर्घटनाओं से बचने के लिए निवारक उपाय करने का आग्रह किया गया था। यह चेतावनी रेल यात्रियों के जीवन की सुरक्षा में सरकार की विफलता को रेखांकित करती है।
उन्होंने कहा, रेलवे में मैनपावर की कमी है। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने खुद पिछले साल कहा था कि रेलवे में लगभग 3,30,000 रिक्तियां हैं, जिनमें से लगभग 50 प्रतिशत रिक्तियां सुरक्षा और सुरक्षा से संबंधित हैं। 2022 में उन्होंने कहा था कि लगभग 18,000 रिक्त पद थे। इन रिक्तियों को भरना अत्यंत महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से सुरक्षा सुनिश्चित करने के संदर्भ में। रेल कर्मचारी संघों से बार-बार अनुरोध के बावजूद सरकार यात्रियों की सुरक्षा से समझौता करते हुए इस महत्वपूर्ण मुद्दे को हल करने में विफल रही है।
उन्होंने कहा कि 2022 की सीएजी रिपोर्ट ने भी रेलवे सुरक्षा में कई खामियों को उजागर किया है, जिसके बारे में नागरिकों को जागरूक होना चाहिए।
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Source : IANS