जम्मू-कश्मीर में फेरन की आड़ में हुई आतंकी वारदात के बाद एक बार फिर फेरन को लेकर विवाद खड़ा हो गया हैं. जम्मू-कश्मीर में बजरंग दल ने लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा से जवानों की सुरक्षा के मद्देनजर फेरन पर बैन लगाने की मांग की है. सीसीटीवी तस्वीरों में हाल ही में एक आतांकी साकिब नजर आया था. जिसने श्रीनगर के बरजुल्ला इलाके में शुक्रवार को एक टी स्टाल पर खड़े 2 पुलिस वालों पर अंधाधुंध फायरिंग कर उन्हें शहीद कर दिया. जिस समय इस आतंकवादी ने घटना को अंजाम दिया. उस समय उसने कश्मीरी फेरन पहना हुआ था. जिसकी आड़ में एके- 47 राइफल को उसने छुपाया हुआ था और हमले करने से पहले उसने राइफल को फेरन से बाहर निकाला. इस आतंकी वारदात के बाद जम्मू -कश्मीर बजरंग दल आक्रामक है और फेरन पर बैन लगाने की मांग कर रही है.
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बजरंग दल के नेता राकेश बजरंगी के मुताबिक ये पहली वारदात नही है जिसमे फेरन की आड़ में आतंकी हमले को अंजाम दिया गया है. इससे पहले भी आतंकी ज्यादातर ग्रेनेड हमले फेरन में ग्रेनड को छुपा कर चुके हैं और सुरक्षाबलों को निशाना बना चुके है. ऐसे में सरकार को सार्वजनिक स्थानों के अलावा सरकारी दफ्तरों और संवेदनशील जगहों पर फेरन पहन कर आने पर पाबंदी लगा देने को कहा है. बजरंग दल की इस मांग का बीजेपी ने भी समर्थन किया है. बीजेपी के प्रवक्ता अभिजीत जसरोटिया के मुताबिक घाटी की राजनीतिक पार्टिया इन सब मुद्दों पर सियासत करती आई है. लेकिन फेरन की आड़ में सुरक्षाबलों पर हमले हो रहे है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि वो फेरन को लेकर ऐसे नियम जरूर बनाये जिससे सुरक्षाबलों पर होने वाले हमले को टाला जा सके.
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वहीं बजरंग दल की इस मांग पर घाटी के नेता आग बबूला हो गए हैं. अवामी नेशनल कांफ्रेंस के अधियक्ष मुज़्ज़फ्फर शाह के मुताबिक बजरंग दल के नेता का दिमाग खराब हो गया है और वो प्रदेश में हालात खराब करने की कोशिश कर रहे है. शाह के मुताबिक बजरंग दल के नेता को पहले फेरन के इतिहास के बारे में जानकारी ले लेनी चाहिए उसके बाद ही इस तरह की बात कहनी चाहिए. सर्दियों में जम्मू-कश्मीर खास तौर पर घाटी में फेरन पहनना आम बात है लेकिन जिस तरह से फेरन की आड़ में आतंकी बार बार हमले कर रहे है. ऐसे में सरकार को फेरन को लेकर कोई न कोई गाइड लाइन जरूर जारी करनी होगी.
Source : News Nation Bureau