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बीएई सिस्टम्स, एफएसटीसी भारतीय सैन्य पायलटों को प्रशिक्षित करने के लिए सिमुलेटर बनाएंगे

बीएई सिस्टम्स, एफएसटीसी भारतीय सैन्य पायलटों को प्रशिक्षित करने के लिए सिमुलेटर बनाएंगे

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IANS
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BAE Sytem

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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ब्रिटिश रक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी बीएई सिस्टम्स और एफएसटीसी ने बुधवार को भारतीय सशस्त्र बलों के पायलटों को प्रशिक्षित करने के लिए विश्व-अग्रणी सिमुलेटर डिजाइन, निर्माण और आपूर्ति करने की योजना की घोषणा की।

चल रहे एयरो इंडिया 2023 में घोषित समझौता ज्ञापन के अनुसार, दोनों कंपनियां बीएई सिस्टम्स के हॉक एमके132 फास्ट जेट ट्रेनर विमान के लिए ट्विन डोम फुल मिशन सिम्युलेटर विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगी।

बयान में कहा गया है कि यथार्थवादी सिंथेटिक वातावरण का उपयोग पायलटों को पहले से कहीं अधिक उच्च स्तर पर प्रशिक्षित करने में मदद करेगा। हॉक एमके132 ने बीएई सिस्टम्स से लाइसेंस के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा भारत में निर्मित कई विमानों के साथ, दो दशकों से अधिक समय तक भारतीय वायु सेना को उच्च प्रशिक्षित पायलटों के प्रशिक्षण का समर्थन किया है।

अब दुनियाभर में 650 हॉक काम कर रहे हैं और बीएई सिस्टम्स के पास दुनिया भर में सशस्त्र बलों के साथ काम करने का दशकों का अनुभव है, ताकि फास्ट जेट कॉकपिट में पायलटों को जीवन के लिए तैयार करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा सके। एफएसटीसी भारत की अग्रणी उड़ान सिमुलेशन प्रशिक्षण कंपनी है। यह नए समझौते के हिस्से के रूप में मॉडल नामित सैन्य ठिकानों के साथ कॉकपिट, गति और ²श्य प्रदर्शन प्रणाली को एकीकृत करेगा।

बीएई सिस्टम्स- भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका के प्रबंध निदेशक रवि निर्गुडकर के अनुसार, एफएसटीसी के साथ सहयोग से भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमताओं में वृद्धि होगी। निर्गुडकर ने कहा, हॉक के माध्यम से अत्यधिक प्रशिक्षित पायलटों के प्रशिक्षण का समर्थन करने के लिए भारतीय वायु सेना के साथ काम करने के बाद, हम दुनिया के सबसे सिद्ध फास्ट जेट ट्रेनर के अपने ज्ञान को क्लासरूम से फ्रंटलाइन तक प्रशिक्षण देने में अपनी विशेषज्ञता के साथ- और बीच में सब कुछ ला सकते हैं।

बयान में कहा गया है कि पूरा मिशन सिम्युलेटर 24 महीने के भीतर स्थापित किया जाना है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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