उद्योगपतियों की सरकार कहे जाने के कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमला करते हुए कहा कि यूपीए की मनमोहन सरकार के दौर में बैंकों का उद्योगपतियों को दिया गया लोन सबसे बड़ा घोटाला है। उन्होंने कहा कि बैंकों पर उद्योगपतियों को लोन देने का दबाव था और ये 2जी, कोयला और कॉमनवेल्थ गेम्स से भी बड़ा घोटाला है।
फिक्की के 90वें एजीएम के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि नॉन परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) या बैड लोन्स की समस्या हमें पिछली सरकार के 'अर्थशास्त्रियों' से विरासत में मिली है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सरकार की नीतियां गरीबों के हित में हैं। साथ ही सरकार की जनधन और महिलाओं को गैस कनेक्शन जैसी योजनाओं का भी ज़िक्र किया।
उन्होंने कहा कि कुछ चुने हुए उद्योगपतियों को बैंकों पर दबाव बनाकर लोन दिया गया जो जनता के पैसे की लूट थी। उन्होंने इसे 'घोटाला' करार देते हुए कहा कि ये 2जी, कोयला घोटाला और कॉमनवेल्थ गेम्स से भी बड़ा घोटाला है।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी पुराने और बेकार हो चुके कानूनों को खत्म कर सरकार ऐसी नीतियां बना रही है जिससे व्यापार की ज़रूरतों को पूरी की जा सके।
उन्होंने कहा कि उद्योगो लंबे समय से जीएसटी की मांग कर रहा था और एंटी प्रॉफिटियरिंग कानून लाकर बीजेपी की सरकार ने इसे लागू किया है। जिससे कम टैक्स का लाभ आम लोगों को मिल सके।
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Source : News Nation Bureau