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'अयोध्या में 400 साल खड़ी थी मस्जिद... नाइंसाफी नहीं भूले अगली पीढ़ी'

असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर अपने समर्थकों से कहा है कि वे आने वाली पीढ़ियों को याद दिलाएं और उन्हें सिखाएं कि 400 सालों तक अयोध्या में बाबरी मस्जिद खड़ी थी.

Updated on: 06 Dec 2020, 02:05 PM

नई दिल्ली:

भले ही सुप्रीम कोर्ट से अयोध्या में राम मंदिर का फैसला आ चुका है, लेकिन एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी जैसे कट्टर नेता इस मसले पर सियासी रोटियां सेंकने से अब भी बाज नहीं आ रहे हैं. यही वजह है कि विवादास्पद ढांचे के विध्वंस की बरसी पर ओवैसी ने रविवार को एक बार फिर भड़काऊ ट्वीट कर मुसलमानों की भावनाओं को भड़काने की कोशिश की. यह तब है जब सुप्रीम फैसला आने के बाद अयोध्या में ही मस्जिद के लिए भी जमीन आवंटित की जा चुकी है. 

400 साल से खड़ी थी बाबरी मस्जिद
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद ये विवादास्पद ढांचे के विध्वंस की पहली बरसी है. ऐसे में असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर अपने समर्थकों से कहा है कि वे आने वाली पीढ़ियों को याद दिलाएं और उन्हें सिखाएं कि 400 सालों तक अयोध्या में बाबरी मस्जिद खड़ी थी. हमारे पूर्वज इस मस्जिद के हॉल में इबादत करते थे और इसके आंगन में रोजा तोड़ते थे. जब उनकी मौत हो जाती थी तो आस-पास के कब्रिस्तान में उन्हें दफनाया जाता था.

1949 में किया गया अपवित्र, इस नाइंसाफी को न भूलना
यही नहीं अपनी ही ट्वीट में ओवैसी ने कहा कि इस नाइंसाफी को कभी नहीं भूलना चाहिए. उन्होंने अगले ट्वीट में कहा कि 22-23 दिसंबर 1949 की रात को हमारी बाबरी मस्जिद को अपवित्र किया गया और 42 सालों तक अवैध रूप से कब्जे में रखा गया. ओवैसी ने कहा, 'आज ही के दिन 1992 में पूरी दुनिया के सामने हमारी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया. इसके लिए जो जिम्मेदार थे उन्हें एक दिन की भी सजा नहीं हुई, इस नाइंसाफी को कभी मत भूलिए.'

अयोध्या में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
गौरतलब है कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. जिले में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं और साथ ही किसी समुदाय को कार्यक्रम की इजाजत नहीं है. प्रशासन ने सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा है कि 6 दिसंबर को लेकर अगर किसी ने कोई कार्यक्रम आयोजित किया तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.