सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले को चुनौती नहीं देंगे बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) के पक्षकार

बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) के पक्षकार इकबाल अंसारी (Iabal Ansari) ने कहा है कि वह राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले (Ram JanmBhoomi-Babri Masjid Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले को स्वीकार करेंगे और फैसले को चुनौती देते हुए कोई याचिका (Plea) दाखिल नहीं करेंगे.

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Sunil Mishra
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सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)( Photo Credit : File Photo)

बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा है कि वह राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करेंगे और फैसले को चुनौती देते हुए कोई याचिका दाखिल नहीं करेंगे. इकबाल अंसारी ने कहा कि वह खुश हैं कि मामला अब अपने तार्किक अंजाम तक पहुंच रहा है. अंसारी के पिता हाशिम अंसारी बाबरी मस्जिद मामले में सबसे पुराने वादी थे. उन्होंने कहा, "लगभग 70 वर्षो से, अयोध्या में विवाद की वजह से राजनीति हो रही है और मैं उम्मीद करता हूं कि शहर में कुछ विकास होगा." इकबाल अंसारी ने कहा कि वह अपने पिता द्वारा शुरू की गई लड़ाई और उनके द्वारा किए गए वादे को अंजाम तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

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इकबाल ने कहा, "मेरे पिता की मौत जुलाई 2016 में हुई. वह 95 वर्ष के थे. वह एक दर्जी के रूप में काम करते थे और बाद में फिर साइकिल मरम्मत करने की दुकान खोली. वह बाबरी मस्जिद मामले से 1949 से जुड़े हुए हैं और उनलोगों में शामिल हैं जिन्हें मस्जिद में राम की मूर्ति स्थापित करने के समय सार्वजनिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था."

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हाशिम अंसारी को 1952 में विवादित स्थल में नमाज अदा करने के लिए दो वर्ष की कारावास की सजा सुनाई गई थी.

Source : IANS

Ayodhya Case babri-masjid Supeme Court
      
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