अयोध्या विवाद पर बोले ओवैसी, सुप्रीम कोर्ट सुलझाए विवाद, बातचीत रास्ता नहीं
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के सुझाव को खारिज करते हुए कहा है कि ये मालिकाना हक की लड़ाई है और इसका फैसला सिर्फ अदालत ही कर सकती है।
नई दिल्ली:
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के सुझाव को खारिज करते हुए कहा है कि ये मालिकाना हक की लड़ाई है और इसका फैसला सिर्फ अदालत ही कर सकती है।
अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर जहां संघ और बीजेपी ने खुशी जताई है वहीं कई मुस्लिम संगठनों और इस्नेलामी धर्म गुरुओं ने इस सुझाव को खारिज कर दिया है।
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असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा कि बाबरी मस्जिद का मामला मालिकान हक का है, जिस पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पार्टनरशिप का गलत फैसला दिया था। इसी कारण सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी।
Please remember Babri Masjid case is about Title which Allahabad court wrongly decided as a Partnership case hence the Appeal in Apex court
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 21, 2017
ओवैसी ने कहा, 'शायद सुप्रीम कोर्ट को ये नहीं पता है कि 6 बातचीत हुई लेकिन कोई फैसला नहीं निकला। इसलिए अब आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का ये फैसला है कि कोई बातचीत नहीं होगी। जो भी फैसला लेना है वो कोर्ट तय करे।'
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उन्होंने कहा, 'हमारा कहना है कि मई के महीने में जब सुप्रीम कोर्ट ट्रिपल तलाक पर सुनवाई कर सकता है तो इसको भी सुन लीजिये और 23 साल से कंटेम्प्ट का मामला पड़ा है उस पर भी फैसला लीजिये । रोज मामला सुने सुप्रीम कोर्ट हम तैयार है।'
अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद पर सुब्रहमनियन स्वामी की दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुझाव दिया कि इस विवाद को न्यायिक तरीके से सुलझाने के बजाय दोनों पक्ष बैठकर बातचीत के माध्यम से समाधान निकालना बेहतर होगा।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) और राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी रही उमा भारती ने स्वागत किया है। वहीं मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने नाखुशी जतायी है।
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