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बाबरी विध्वंस मामला: आरोप साबित होने पर आडवाणी, जोशी और उमा को हो सकती है पांच साल जेल की सजा

सीबीआई की विशेष अदालत ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत सभी 12 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिया है।

Updated on: 31 May 2017, 07:44 AM

New Delhi:

सीबीआई की विशेष अदालत ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत सभी 12 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करते हुए आपराधिक साजिश के तहत मुकदमा चलाए जाने की मंजूरी दे दी है।

अदालत ने इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत आरोप तय किया है। आरोपियों के खिलाफ
1.आईपीसी की धारा 153 (दंगों के लिए उकसाना)

2.धारा 153 ए (विभिन्न वर्गो के बीच कटुता पैदा करना)

3. धारा 295 (किसी धार्मिक स्थल को तोड़ना, गिरना और वहां पर अन्य धार्मिक स्थल को स्थापित करने की मंशा)

4.धारा 295 ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचना) और

5. धारा 505 (सार्वजनिक शांति भंग करने या विद्रोह कराने की मंशा से गलत बयानी करना, अफवाह आदि फैलाना ) के तहत मुकदमा चलेगा।

इन धाराओं में दोष सिद्ध होने पर आरोपियों को अधिकतम पांच साल की सजा हो सकती है।

अदालत ने सभी आरोपियों को 20 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। आडवाणी जहां बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य हैं, वहीं उमा भारती मोदी सरकार में मंत्री है, जबकि मुरली मनोहर जोशी कानपुस से सांसद होने के साथ बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य भी है।

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जमानत मिलने के बाद सभी आरोपियों ने अनपे खिलाफ लगे आरोपों को खारिज किए जाने की मांग की थी, जिसे सीबीआई के विरोध के बाद अदालत ने खारिज कर दिया।

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